रेशम का बिजनेस कैसे शुरू करें | Silk making business plan in Hindi

रेशम के बारे में कौन नहीं जनता? रेशम के कपडे, रेशम के धागे, रेशमी रुमाल बहुत पहले के समय से famous हैं। तब से ले कर आज तक रेशम ने अपनी एक अलग ही पहचान बनायीं हुई है। रेशम के कपड़ो की मांग अभी भी उसी हिसाब से है, बल्कि ज्यादा ही हो गई है। सिल्क की साड़ियों ने शादियों में धूम मचाई हुई है , हर कोई सिल्क की साड़ी पहनना चाहता है , एवं पहनता भी है।

आज हम यहाँ रेशम के उद्योग से संबंधित जानकारी देंगे | रेशम एक ऐसा व्यवसाय है, जिनसे आप अच्छा पैसा कमा सकते हैं। जिनमें अधिक लागत की आवश्यकता नहीं होती है। यह एक ऐसा व्यवसाय है जिसमें रेशमकीट पालन कर रेशम का उत्पादन किया जा सकता है। इससे बहुत अच्छा मुनाफा कमाया जा सकता है। यह एक कृषि पर आधारित उद्योग है।

रेशम एक प्रकार का पतला और चमकदार रेशे होता है, जिससे कपड़े बुने जाते हैं। यह फिलामेंटस सेल में रहने वाले कीड़ों से तैयार किया जाता है। रेशम के उत्पादन के लिए रेशम के कीड़ों को पालना पड़ता है। व्यवसायिक रूप से रेशम का उत्पादन करने की प्रक्रिया को ही रेशम उद्योग (Sericulture Business) कहा जा सकता है । रेशम के कपड़े सभी लोगों के लिए बहुत ही आरामदायक होते हैं और ये कपड़े सुंदरता को बढ़ाते हैं। इसीलिए इनकी मांग बाजार में बहुत है। आज भारत में सिल्क व्यवसाय ज्यादातर ग्रामीण क्षेत्रों (rural areas) में होता है और इस व्यवसाय के जरिए लाखों किसान (farmers) मुनाफा कमा रहे हैं।

अब हम आपको रेशम के काम को शुरू करने के फायदे बताते हैं | Advantages of silk business –

  • रेशम उद्योग कृषि पर आधारित बड़ा उद्योग है |
  • इसमें रोजगार की पर्याप्त संभावना है।
  • यह पर्यावरण को कोई नुकसान नहीं पहुंचाती।
  • इस उद्योग को गांव में कम लागत में शुरु कर सकते है. इससे जल्दी काम शुरू हो जाता है।
  • इस उद्योग को कृषि एवं अन्य घरेलू कार्यों के साथ भी अपना सकते है, इसकी खास बात है कि इस उद्योग से महिलाएं अपने खाली समय का सदुप्रयोग कर सकती है |
  • इससे मुनाफा बहुत अच्छा होता है।

रेशम के कपडे व् साड़ी की डिमांड साल के १२ महीने अच्छी खासी रहती है, यानि कि उसका हमारे दैनिक जीवन में हमेशा ही काम पड़ता रहता है। यह हमेशा ही समान रूप से बिकता है ।

अगर हम कुछ काम शुरू करने कि सोच रहे हैं तो रेशम बना कर बेचना भी व्यवसाय (सिल्क मेकिंग business) का एक अच्छा खासा विकल्प हो सकता है, क्यूंकि इसकी डिमांड मार्किट में बहुत ही बढ़ती जा रही है, और इसकी डिमांड कभी काम होगी ही नहीं।

आज के इस लेख (article) में हम आपको रेशम -सिल्क बना कर बेचने के बारे में पूरी जानकारी देंगे। रेशम बना कर बेचने का बिज़नेस कैसे शुरू करें, इसमें कितना खर्च (investment) आएगा, इसका सामान कैसे व कहाँ से खरीदे, और इससे कितना मुनाफा (profit) हो सकता है? इत्यादि।

लेकिन उससे पहले हमें रेशम के बारे में जानना होगा।

रेशम के प्रकार Types of silk

  • शहतूती रेशम (mulberry silk)
  • गैर शहतूती रेशम
  • एरी या अरंडी रेशम (Eri silk)
  • मूंगा रेशम (MUGA silk)
  • ओक तसर रेशम
  • तसर (कोसा) रेशम (Tasar silk)

यहाँ पर silk को बना कर बेचने के लिए सभी जरुरी जानकारियां दी जा रही हैं, आप उनकी मदद से कम बजट में काम शुरू कर सकते हैं| इसको पढ़ने के लिए हमारे इस लेख को अंत (end) तक पढ़ें ।  

Silk बनाने का काम शुरू करने लिए हमें निम्न बातों का ध्यान रखना होगा:

  • इन्वेस्टमेंट (Investment)
  • इसके लिए जमीन (Land for this business)
  • कच्चा माल or रॉ मटेरियल (Row material)
  • मशीन (Machine)
  • प्रक्रिया (Process)
  • पैकेजिंग और मार्केटिंग (Packaging and its marketing)
  • बिज़नेस प्लान और फायदा (Business plan and its profit)
  • कर्मचारी की नियुक्ति (Selection/hiring of manpower)
  • बिकने की सम्भावना (Possibility of sell)

अब हम सभी चीजों के बारे में विस्तार (in detail) से बताएँगे ।

Silk को बनाने का बिज़नेस के लिए इन्वेस्टमेंट (Investment for silk making business) –

रेशम के बिज़नेस के अन्दर निवेश मुख्य रूप से इस Business और जमीन के ऊपर निर्भर करता है क्योकि यदि बड़ा Business शुरु करते है तो ज्यादा इन्वेस्टमेंट (investment) करनी पड़ती है और छोटा बिज़नेस (small business) शुरु करते है, तो उसके अन्दर कम इन्वेस्टमेंट (Investment) करनी पड़ती है और खुद की जमीन है तो कम पैसो में काम चल सकता है | यदि जमीन किराये पर लेते है या खरीदते है तो उसके अन्दर ज्यादा इन्वेस्टमेंट (Investment) करनी पड़ती है |

और इसके अन्दर मशीन (machines) भी कई प्रकार की आती है और सभी के रेट (rates) भी अलग अलग है | इनके ऊपर भी इन्वेस्टमेंट निर्भर करती है, आपको इस Business को अच्छे लेवल पर शुरु करने के लिए आपको इसमें उपयोग होने वाले सामान जैसे जगह, कच्चा माल की मात्रा को बढ़ाकर आप इसका उत्पादन बढ़ा सकते है |

Silk बनाने का बिज़नेस के लिए जमीन (Land for silk making business) – 

इस व्यवसाय को सेरीकल्चर कहा जाता है। इस व्यवसाय में रेशम के कीड़ों का पालने से लेकर रेशम की सफाई करना, सूत को काटना और उन पौधों को उगाना भी शामिल है, जिस पर रेशम के कीड़े पलते हैं जैसे कि सहतूत, पलाश, गूलर आदि। silk बनाने का काम हम कही से भी शुरू कर सकते हैं, चाहे वो शहर हो या फिर गांव। हम इस काम को गांव में शुरू करे तो ज्यादा फायदा होगा , बल्कि अच्छे से होगा क्यूंकि ये एक तरह का कृषि से मिलता हुआ काम है। इसकी सबसे महत्वपूर्ण बात यह है की आप इसके बिजनेस को किस स्तर से शुरू करना चाहते है अगर आप अपना बिजनेस को छोटे स्तर से शुरू करते है तो आप कम निवेश (small business) के साथ काम शुरू कर सकते है और अगर आप बड़े स्तर से बिजनेस (big business) शुरू करते है तो आपको इसमें अधिक निवेश करने की आवश्यकता होगी |

कुल जगह (total Space) – 300 से 400 Square Feet

Silk बनाने के लिए कच्चा माल (Raw material for silk making business) –

भारत में रेशम उद्योग को एक प्रमुख कुटीर उद्योग का दर्जा मिला है | इस काम को करने के लिए हमें किसी कच्चे माल की आवश्यकता नहीं होती।  हमें तो बस रेशम के कीड़े पालने होंगे, रेशम के कीड़े द्वारा दिए गए अंडे, जिसे कोकून कहा जाता है, उसके द्वारा कच्चे रेशम का उत्पाद किया जाता है। रेशम के कीड़े पालने के लिए शहतूत , गूलर , पलाश आदि के वृक्ष लगाना , कीड़े पालना , रेशम को साफ करना , सूत बनाना , कपड़ा बनाना आदि का कार्य शामिल है | गांव में इस व्यवसाय को आसानी से शुरु किया जा सकता है | कुछ अन्य वस्तुएं जो इसमें प्रयोग की जाती है, उनके नाम है –

  • तिपाइयां (बांस की लकड़ियाँ)
  • आद्रतामापी की जरुरत पड़ेगी
  • जाल –nets – (कपड़े के छोटे-छोटे जाल, जिससे बची पत्तियां तथा कीड़ों के मल को साफ किया जाता है)
  • पत्तियां काटने के लिए चाकू (knife) की आवश्यकता होती है.
  • ऊष्मा उत्पादक ए कूलर

Silk बनाने की मशीन (silk making machine) –

रेशम से धागा बनाने के लिए बस एक मशीन की जरुरत पड़ती है। उत्तर प्रदेश के बहराइच में सरकार ने धागा बनाने वाली ये मशीन किसानों को दी है | इस मशीन से न सिर्फ उच्च क्वालिटी का धागा तैयार होगा, जिससे किसानों की आय बढ़ेगी बल्कि अब किसानों का काम भी कम होगा | 46 लाख की लागत कि यह मशीन रेशम विभाग के कल्पीपारा कार्यालय में स्थापित की गई है जहाँ किसानों का समूह अपना कोया लाकर खुद धागा निकाल सकता है | ऐसा बताया जाता है, कि इससे किसानों की आमदनी ढाई गुना तक बढ़ जाएगी |

वैसे इस मशीन को हम ऑफलाइन व ऑनलाइन दोनों तरीको से खरीद सकते हैं। ऑफलाइन तो हमें अगर इसकी दुकान या बाजार पता है तो जा कर ली जा सकती है. एवं अगर वो डीलर अगर जानने वाला हुआ तो और भी काम दाम में हम यह खरीद सकते हैं।

ऑनलाइन खरीदने के लिए हम बस गूगल पर टाइप करेंगे तो इसके सभी लिंक खुल जाएंगे ।वहां से सभी मशीनों के दाम को compare कर के हम काम दाम वाली मशीन आसानी से खरीद सकते हैं। और यह मशीन आसानी से मार्किट में मिल जाएगी।

जहाँ तक मशीन चलाने की बात है तो नेट (Internet), यूट्यूब (youtube) पर बहुत सारी videos उपलब्ध हैं, मगर जब हम यह मशीन खरीदते हैं, तभी डीलर से हमें उसका डेमो (demo) देख लेना चाहिए, और इसकी सभी जानकारी ले लेनी चाहिए, की इसको चलते कैसे हैं, इसकी साफ़ सफाई कैसे की जाती है, इत्यादि। ध्यान रहे, जितना हम मशीनों की, इसके सामान की साफ़ सफाई रखेंगे, इतना ही यह सब सामान लम्बे समय तक नए जैसा अच्छा चलेगा।साफ़ सफाई अच्छे से करने से मशीनो की life बढ़ती है, और हमारा काम सब अच्छे से चलता रहता है।

Silk बनाने का तरीका / प्रक्रिया (Silk making complete process) –

रेशम उद्योग करने के लिए बहुत सी ऐसी बाते हैं जिनका ख़ास ध्यान रखा जाता है | कीटों को कमरे के अंदर पाला जाता है और सबसे पहले शहतूत के बैग लगाएं | इससे कीटों को खाने के लिए पत्तियां मिलती रहती है | साथ ही कमरों में स्वच्छ हवा और रोशनी की  व्यवस्था होनी चाहिए | इसके अलावा कमरे में लकड़ी की तिपाईयों के ऊपर ट्रे रखकर उसमें इनकी रिपरिंग करते हैं | ध्यान रहे कि तिपाइयों को चीटियों (ants) से बचाने के लिए पायों के नीचे एक बर्तन में पानी भरकर रख दें , साथ ही कीटों को रोजाना साफ (daily cleaning) करते रहें |

अब हम इन बातो को विस्तार से बताते हैं –

शहतूत की खेती करें

जैसा आप जानते हैं कि रेशम(silk) , रेशम के कीड़ों (silk worms) से प्राप्त होता है, इसीलिए उन किड़ों को पालने के लिए उन्हें भोजन (food) देना पड़ेगा और रेशम के कीड़ों का भोजन मुख्यत: शहतूत के पत्ते, पलाश और गेलूर के पौधे होते हैं।हालांकि शुरुआत में यह विश्वास (believe) करना मुश्किल होगा, लेकिन वे काफी पर्याप्त मात्रा में भोजन (enough food) लेते हैं। ऐसे में आप रेशम के कीड़ों को पालने से पहले इन पौधों की खेती करनी पड़ेगी। आप चाहे तो अन्य किसान जो इन पौधों की खेती करता है, उनसे भी आप खरीद सकते हैं लेकिन वह आपको थोड़ा महंगा पड़ेगा। यदि आप खुद खेती करते हैं तो इसमें आपको ज्यादा फायदा होगा।

शेड का निर्माण करें

रेशम के कीड़ों को रखने के लिए एक शेड (shade) बनाना पड़ेगा। इसके लिए चाहे तो घर के किसी खाली कमरे का इस्तेमाल किया जा सकता है, जहां बांस या फिर अन्य सामग्री का उपयोग करके चटाई की तरह एक रैंक तैयार किया जा सकता है, जो रेशम के कीड़ों के पालन पोषण (upbringing) की ओर स्थानांतरित (transfer) करने में मदद करेगा, जहां भी रेशम के कीड़ों (silk worm) को रखा जा रहा है।

ध्यान रहे कि उस कमरे में वेंटिलेशन (ventilation) का सही प्रबंधन हो और उन्हें धूप (sun light) की आवश्यकता नहीं होती है, इसीलिए यह भी ध्यान रहे कि उस कमरे में धूप ना पड़े साथ ही कमरे का तापमान और नमी बनाए रखना पड़ेगा। इसके अतिरिक्त कमरे की सफाई (cleaning)पर भी ध्यान देना जरूरी है, कमरे को कीटाणु नाशक रखना आवश्यक है।

रेशम के कीड़ों (silk worm) के नस्ल का चुनाव करें

रेशम के कीड़ों की कई प्रकार की नस्ले (type) होती है और उन सभी नस्लों को अलग-अलग जलवायु (weather) और भौगोलिक परिस्थितियों में पाला जाता है। जब आप रेशम का व्यवसाय (silk business) शुरू करते हैं तो यह जानना जरूरी है कि आपके क्षेत्र में कौन सी नस्ल का रेशम का कीड़ा का पालन अच्छा होगा, जो ज्यादा से ज्यादा उत्पादन दे पाए।

रेशम के कीड़ों को भोजन देना

जब आप रेशम के कीड़ों के नस्ल को ले आते हैं, तो अब जरूरी है कि उसका पालन पोषण (upbringing) सही तरीके से हो। इसीलिए आप उसे हर दिन सही मात्रा में भोजन दें। रेशम के कीड़ों का भोजन शहतूत की पत्तियां होती है 

ड्राई हीट और रिलिंग करना

जब रेशम के कीड़े पर्याप्त मात्रा में भोजन (enough food) करके संतुष्ट (satisfy) हो जाते हैं तो वे अपने मुंह से एक लिक्विड प्रोटीन (liquid protine) निकालना शुरू करते हैं, जो हवा के संपर्क में आते ही धागे नुमा (thread type) जैसा रूप ले लेता है और कुछ ही समय वह कीड़े के चारों तरफ एक धागे नुमा कठोर सरंचना बना लेता है, जिसे कोकून कहते हैं।

अब कोकून बनने के बाद उसे भाप देना (steam) पड़ता है ताकि कोकुन के अंदर के कीड़े मर जाए। अब उसे 95 डिग्री सेल्सियस तापमान के गर्म पानी में भिगोना (soak in hot water) होता है ताकि अंदर के फाइबर ढीले हो जाए और फिर बाद में उसे रिलिंग कर सकें।

इन सभी प्रक्रियाओं को बहुत ही आराम (very slowly and carefully) से करना होता है ताकि कोकून खराब ना हो। इस तरीके से एक रेशम के कीड़े का पालन करके रेशम का धागा (silk thread) बनाकर उसे बेच सकते हैं और अच्छा खासा मुनाफा कमा सकते हैं।

और हाँ, हम ये काम शुरू कर रहे हैं तो हमें GST नंबर तो लेना ही होगा, जोकि किसी भी बिज़नेस को शुरू करने के लिए जरुरी होता है। उसके लिए हमें सब जरुरी कागज़ जैसे की आधार कार्ड, वोटर ID कार्ड, अपने बैंक की पास बुक , पासपोर्ट साइज फोटो , इत्यादि जरुरी कागजो की जरुरत पद सकती है। हमें इन सबको तैयार रखना होगा।

Silk की पैकेजिंग और मार्केटिंग (Packaging and marketing of silk) –

सिल्क बन जाने के बाद हमें मशीनों के द्वारा इनके धागे बनाये जाते हैं, और हम वो धागे बाजार में बेचते हैं। हमें इसकी पैकिंग भी अच्छे से करनी चाहिए, ताकि लोगो को देखने में अच्छी लगे और लोग हमारे सामान की और आकर्षित हो।

Silk को हम रिटेल (retail) एवं हॉल सेल दोनों ही तरह से मार्किट में बेच सकते हैं।  शुरुआती दिनों में तो जरुरी रूप से मार्केटिंग जरुरी है , ताकि लोगो को हमारे सामान के बारे में पता चले| शुरू में लोगो को अपना सामान बेचने के लिए अगर कुछ सैंपल फ्री में भी डिलीवर करने पड़े तो कर देना चाहिए । लोगो को सामान इस्तेमाल करने के बाद ही उसका समझ आएगा। हमें शुरू में थोड़ी दिक्कत आ सकती है,क्योंकि मार्किट में पहले से ही सामान दूसरी कंपनी बेच रही होती है, हमें अपना सामान सबको समझा कर, उसकी सभी खूबिया बता कर मार्केटिंग करनी होगी| आजकल तो सोशल मीडिया का जमाना है, हम फेसबुक तथा इंस्टाग्राम पर भी अपना ऐड कर के अपने प्रोडक्ट के बारे में बता सकते है| हमारे सभी फोलोवर्स को हमारे सामान के बारे में पता चलेगा तथा वो हमसे सामान खरीद सकते है| हम अपने वात्सप्प ग्रुप (watsapp group) पर भी अपने सामान का ऐड कर सकते है.आजकल जरुरी नहीं है के सामान की मार्केटिंग घर घर जा कर ही की जा सके, आजकल सब घर बैठे भी हो सकता है|  वैसे अगर हम जा जा कर अपना add करना चाहते हैं तो हम वो भी कर सकते है , सबको तेल दिखा कर, खूबिया बता कर हम ये काम कर सकते हैं।  इस काम के लिए हम कुछ बन्दे भी रख सकते हैं।

हम बस डिलीवरी फ्री करा सकते है तथा और भी ऐसे ऐसे ऑफर्स दे कर उनको लुभा सकते है| अगर एक बार लोगो को आपका सामान पसंद आ गया तो समझो आपका काम हो गया, फिर आपकी बिक्री शुरू हो जाएगी |

Silk का बिज़नेस प्लान और फायदा (Business plan and its profits for silk making business ) –

Business शुरू करने का यह एक बहुत ही महत्वपूर्ण घटक है क्योंकि इस प्रक्रिया में उद्यमी को अपने बिजनेस के लिए रेशम के कीटों की एक ऐसी नस्ल का चुनाव करना होता है। जिसकी उत्पादक क्षमता अधिक हो यद्यपि भारत में अनेकों नस्ल के रेशम के कीटों का पालन जलवायु एवं भौगौलिक परिस्थितियों के हिसाब से किया जाता है। भारत में मुलबेरी, तस्सर, ओक तस्सर, एरी, मुगा इत्यादि नस्लों के रेशम कीटों का पालन किया जाता है। इस से होने वाले लाभ के बारे में नीचे बताया गया है :

  • रोजगार मिलेगा |
  • ग्रामीण अर्थव्यवस्था में सुधार होगा |
  • कम लागत/समय में अच्छी आय होगी |
  • महिलाओं के लिए बहुत ही अच्छा व्यवसाय है |

रेशम के कीड़े से 4 बार रेशम की फसल मिलती है। एक बार के फसल से अनुमानित 30 से 40 हजार की कमाई हो जाती है और यह मुनाफा व्यवसाय (business profit) को विस्तृत (spread) करने पर और भी ज्यादा बढ़ सकता है।

Silk के व्यवसाय के लिए कर्मचारी की नियुक्ति (Hiring manpower/ workers for silk making business) –

अगर आप चाहे तो इसे किसी भी प्रकार की कर्मचारियों की सहायता के शुरू कर सकते है क्योंकि यह एक छोटे स्तर का उद्योग है | इसमें कर्मचारियों की आवश्यकता सिर्फ आपके बिजनेस के स्तर को देख कर निर्धारित की जा सकती है की आप अपना बिजनेस कितना बड़ा या छोटा करते है | अगर आपके बिजनेस का स्तर छोटा है तो आप इसे अपने घर से भी शुरू कर सकते है | आप इसमें चाहे तो अपने घर के सदस्यों के साथ मिलकर भी इस बिजनेस को शुरू कर सकते है |

Silk के बिकने की सम्भावना ( Possibility of selling of silk making business ) –

जिस हिसाब से सिल्क के कपड़ो की मांग है , हमारी सिल्क और उसके धागे तो बिक ही जाएंगे।  ऐसा हो सकता है की शुरुआत में थोड़ा काम बाइक, लेकिन हाँ धीरे धीरे हमारा व्यवसाय अपनी स्पीड पकड़ ही लेगा, और हमें अच्छा मुनाफा होना शुरू हो जाएगा।

FAQ

  • रेशम का बिजनेस करके कितना कमाया जा सकता है?

– रेशम के व्यापार से 40- 50 हजार रूपये से भी अधिक कमाए जा सकते है

  • रेशम का बिजनेस करने में कितनी investment आती है?

-इस बिजनेस को शुरू करने में आपको 4 लाख रू. तक लागत लग सकती है

आशा करते हैं आपको हमारा आज का ये लेख पसंद आया होगा, और इसकी सहायता से आप आसानी से silk बनाने का काम शुरू कर सकते हैं।

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