सागवान पेड़ की फार्मिंग कैसे करे | Teakwood Farming Business plan Hindi

सागवान, जिसे इमारती लकड़ी का राजा भी कहा जाता है। क्योंकि सागवान की लकड़ी हल्की व मजबूत होती है, इसलिए इसकी लकड़ी का उपयोग जहाज बनाने में, प्लाईवुड बनाने में व फर्नीचर बनाने में किया जाता। लंबे समय तक टिकने की अचूक क्षमता के कारण सागवान की लकड़ी का भाव मार्केट में हमेशा ही हमें अच्छा देखने को मिलता है। सागवान की लकड़ी में कई प्रकार के खास खून पाए जाते हैं।

इसके पौधे का इस्तेमाल करके दवाइयां भी बनाई जाती है। इसकी लड़कियों का यह खासियत होता है कि इसमें दीमक लगने का खतरा भी बहुत कम होता है और साथ ही इसमें कम सिकुड़न और आसानी से पॉलिश चढ़ जाती है। सागवान की खेती किसान भाइयों के लिए वरदान या अभिशाप? जानेंगे इस लेख में। इस लेख में सागवान की खेती का संपूर्ण विश्लेषण करेंगे तो लिए बिना समय कब आए जानते हैं सागवान की फार्मिंग कैसे करें?

सागवान की खेती के लिए जरूरी मिट्टी, जलवायु और तापमान।

सागवान के पौधे को उगाने के लिए किसी भी खास प्रकार की मिट्टी की आवश्यकता नहीं होती है। लेकिन इसका पौधा दोमट मिट्टी में बहुत आसानी से उगा सकते हैं। इसकी खेती करने के लिए जल भराव वाली भूमि नहीं होना चाहिए। जल बढ़ाओ होने के कारण इसके पौधे में आसानी से रोग होने का खतरा होता है। इसकी खेती करने के लिए मिट्टी का पीएच का मन 6.5 से 7.5 के बीच होना चाहिए।

इसके पौधों को अच्छे से वृद्धि करने के लिए गरम और आद्र मौसम जलवायु ज्यादा जरूरी होता है। 1 साल में 50 इंच से ज्यादा वर्षा इसके पौधे के लिए अच्छा माना जाता है। ज्यादा ठंड का मौसम इसके फसल के लिए सही नहीं होता है।

सागवान की उन्नत किस्में।

सागवान की कई प्रकार की किस्म मौजूद है जिसे उखाकर अच्छा कमाई किया जा सकता है। पैदावार के मामले में यह सभी किस में एक ही प्रकार के होते हैं और इन्हें अलग-अलग जलवायु के हिसाब से उगाया जाता है। इन सभी किस्म की लंबाई भी अलग-अलग होती है।

  • दक्षिणी और मध्य अमेरिका सागवान
  • पश्चिमी अफ्रीकी सागवान
  • अदिलाबाद सागवान
  • नीलांबर (मालाबार) सागवान
  • गोदावरी सागवान
  • कोन्नी सागवान

सागवान की खेती करने के लिए खेत की तैयारी।

सागवान के पेड़ों को खेत में लगाने से पहले खेत को अच्छा तरीके से तैयार कर लेना चाहिए। सागवान के पौधों को लगाने से पहले खेत को अच्छी तरीके से जुटाए करके पुरानी फसल के अवशेषों को पूरी तरीके से नष्ट कर देना चाहिए। इस प्रक्रिया के बाद खेत में 8 से 10 फीट की दूरी पर दो फीट चौड़े और डेढ़ फीट गहरे गड्ढे को तैयार करना चाहिए। सागवान के पौधों को अधिक खाद की जरूरत होती है इस कारण इसके पौधों को रोपने से एक माह पहले तकरीबन 15 किलो पुरानी गोबर की खाद के साथ 500 GM N.P. K की मात्रा को मिट्टी में मिलाकर छोड़ देना चाहिए।

सागवान के पौधों को अच्छे से बड़ा करने के लिए अधिक मात्रा में पोटेशियम, फॉस्फोरस, नाइट्रोजन और कैल्शियम की जरूरत होती है। इसके खेत में आप कंपोस्ट खाद का भी इस्तेमाल कर सकते हैं। अब आप गड्ढे में खाद की मात्रा को मिलाकर डाल सकते हैं और पौधे को लगाने के दौरान भर सकते हैं। पौधे लगाने के बाद आपको उसे पर पानी से सिंचाई करनी होती है।

सागवान की खेती करने का तरीका और लागत।

सागवान के पौधे हम दो तरह से तैयार कर सकते हैं। पहला टिशू कल्चर के माध्यम से। दूसरा हम रूट शूट तकनीक के माध्यम से पौधे तैयार कर सकते। टिशू कल्चर के माध्यम से तैयार किए गए पौधे 15 से 20 वर्ष में तैयार हो जाते व एक पौधे का मूल्य हमें ₹70 से ₹100 के बीच में देखने को मिलता है व रूट शूट तकनीक से तैयार किए गए पौधे 20 से 25 वर्ष का समय लेते हैं और इनके एक पौधे का मूल्य हमें ₹20 के आसपास देखने को मिलता है। यह पौधे रूट शूट तकनीक से तैयार किए गए हैं और इनके एक पौधे का मूल्य अभी मार्केट में ₹20 के आसपास है। सागवान के पौधों का ट्रांसप्लांट आप 14 बाई 12 का ग्राफ लेकर करें।

यानी लाइन से लाइन के बीच की दूरी 14 एक पूरे एक पौधे से दूसरे पौधे के बीच की आप 12 फीट रहेगी। इस तरह से एक एकड़ में कुल 269 पौधे लगेगे। हमें टिशू कल्चर का एक पौधा ₹100 के आसपास मिलता है। इस तरह हमारा 269 पौधे का खर्चा आएगा 25,900 यानी कि एक एकड़ सागवान की खेती में हमारा पौधा रोपण का खर्च आएगा 25,900 रू। अगर आप रूट शूट तकनीक के माध्यम से पूरा रोपण करते हैं तो इसमें आपका खर्च आएगा 5,180 पर इन पौधों को तैयार होने में 5 से 7 वर्ष तक का समय ज्यादा लगता है। इसलिए आप टिशू कल्चर से तैयार किए गए पौधों का ही पौधा रोपण अपने खेत में करें। इसके अलवा और भी सब खर्च जोर लिया जाये जैसे मजदुर और खाद की तो पहले साल एक एकड़ सागवान की खेती में हमारी लागत आएगी 40,150 रुपया।

सागवान के पौधे की सिंचाई।

सागवान के पेड़ों को ज्यादा सिंचाई करने की जरूरत नहीं होती है। इस कारण इसके पौधे को रोकने के तुरंत बाद पहली बार सिंचाई कर देनी चाहिए। इसके बाद मूवी में लगातार नमी बनाए रखने के लिए हल्की-हल्की सिंचाई करना जरूरी होता है। गर्मी के मौसम में इसके पौधों को एक सप्ताह में दो बार सिंचाई करने की जरूरत होती है वहीं सर्दियों के मौसम में इसके पौधे को 15 से 20 दिन के अंतर्गत पर सिंचाई करनी चाहिए। वही बरसात के मौसम में इसके पौधे को जरूरत पड़ने पर ही सिंचाई करनी चाहिए।

सागवान के पौधे में खरपतवार नियंत्रण।

सागवान के पौधे में खरपतवार नियंत्रण करने के लिए निराई – गुड़ाई का विधि सबसे जरूरी और अच्छा माना जाता है। इस विधि के द्वारा इसके पौधे की जड़ों को उचित मात्रा में हवा भी प्राप्त हो जाता है। इसके जड़ों में अच्छे मात्रा में हवा मिलने के कारण इसकी तेजी से वृद्धि होती है। सागवान के पौधे में खरपतवार नियंत्रण करने के लिए रासायनिक विधि का इस्तेमाल नहीं करना चाहिए।

सागवान के पौधे की कटाई, लाभ और पैदावार।

सागवान के पेड़ों को काटने के लिए सबसे पहले सरकार के द्वारा अनुमति लेनी होती है। बिना सरकार की अनुमति के इसके पेड़ों को काटना गैर कानूनी माना जाता है। सागवान के पेड़ कटाई करने के लिए लगभग 10 से 12 वर्ष में तैयार हो जाते हैं। एक सागवान का पेड़ तकरीबन 10 से 12 क्यूबिक फीट लकड़ी आसानी से देती है, जिसकी बाजार में भाव 2,500 हजार रुपए प्रति फीट क्यूबिक होता है।

इस हिसाब से एक पैर की कीमत 30000 से 50000 रुपये के आसपास होता है। 1 एकड़ के खेत में तकरीबन 400 से 500 सागवान के पर आसानी से उगाये जा सकते हैं। इस हिसाब से एक किसान एक एकड़ खेत में सागवान की खेती करके लगभग एक करोड़ से सवा करोड़ रूपया तक कमाई कर सकता है।

निष्कर्ष:

दोस्तों ऊपर दिए गए लेख में हमने आपको बताया है कि सागवान पेड़ की फार्मिंग कैसे करें? अगर आप किसी चीज का खेती करके पैसा कमाना चाहते हैं तो सागवान पेड़ की फार्मिंग आपके लिए सबसे ज्यादा फायदेमंद साबित हो सकता है। इसके उपयुक्त कारण के चलते मार्केट में डिमांड अधिक होती है और इसका पैसा भी और भी पेड़ो से अधिक मिलता है। अगर आप सांगवान पर की खेती करना चाहते हैं तो ऊपर दिए गए लेख को ध्यान से पढ़े। उम्मीद करता हूं कि यह लेखक को पसंद आया होगा। इस लेख को पढ़ने के लिए बहुत-बहुत धन्यवाद।

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