स्कूल बैग बनाने का बिज़नेस कैसे | School bag making business plan in Hindi

आज के इस आधुनिक युग में सभी चाहते हैं कि उनका बच्चा बहुत पढ़े, बहुत आगे बढे । आजकल शहर व गॉव  सभी जगह के बच्चे पढाई के क्षेत्र में आगे निकल रहे हैं। स्कूल के छात्र अपनी कॉपी , किताबें स्कूल बैग(School bag) में रख कर स्कूल जाते हैं। स्कूल बैग एक रोज़ाना इस्तेमाल होने वाली चीजों में आता है , और इसकी डिमांड साल के १२ महीने अच्छी खासी रहती है । स्कूल बैग भी बहुत तरह के आते हैं।  आजकल तो बाज़ारो में वाटरप्रूफ बैग्स भी आते हैं, उनकी भी बहुत डिमांड हैं।

 School bags की बढ़ती डिमांड को देखते हुए बहुत सारी कंपनियां स्कूल बैग्स बनाती हैं और इनके स्कूल बैग बिकते भी अच्छे से ही हैं क्यूंकि school bags का काम रोज़ाना के इस्तेमाल में सभी जगह होता ही है, यह काम कभी कम नहीं होता। 

स्कूल बैग्स  को बना कर बेचना भी व्यवसाय का एक अच्छा खासा विकल्प हो सकता है, क्यूंकि इसकी डिमांड बहुत ही बढ़ती जा रही है और कभी कम होगी ही नहीं। इसे आप सदाबहार बिज़नेस की श्रेणी में रख सकते हैं। 

School bags को बना कर बेचने का बिज़नेस कैसे शुरू करें, इसमें कितना खर्च आएगा, इसका सामान कैसे व कहाँ से खरीदे। आज के इस लेख में हम आपको ये सब विस्तार से बताएँगे । जो लोग अभी बेरोज़गार बैठे हैं, उनको इस लेख को पढ़कर यह व्यवसाय आरम्भ करने की प्रेरणा मिलेगी। 

यहाँ पर school bags को बना कर बेचने के लिए सभी जरुरी जानकारियां दी जा रही हैं, आप उनकी मदद से कम बजट में काम शुरू कर सकते हैं| इसको पढ़ने के लिए हमारे इस लेख को अंत तक पढ़ें । 

लेकिन इसके लिए सबसे पहले हमें इसके बारे में अच्छे से जानना होगा । 

स्कूल बैग्स बनाने का व्यवसाय (School bags making business)

स्कूल बैग आजकल रोजमर्रा में इस्तेमाल होने वाली चीज है, जिस घर में बच्चे हैं और वो स्कूल जाते हैं तो  वहां स्कूल बैग लगेगा ही। पहले स्कूल बैग के लिए केवल विशेष सामग्री थी और इसे मैन्युअल रूप से हाथो से बनाया जाता था। लेकिन आजकल, सेमी-ऑटोमैटिक हेवी-ड्यूटी सिलाई मशीनों के साथ, बैग बनाना बहुत आसान हो गया है ।  स्कूल बैग्स की भी बहुत सारी क्वालिटी होती हैं ।अगर आप घर बैठे काम पैसो में कुछ छोटा उद्योग शुरू करना चाहते हैं, तो यह बहुत ही अच्छा विकल्प है।

अब हम आपको इसका काम शुरू करने के बारे में बताते है।  इसका काम शुरू करने से पहले हमें निम्न बातों का ध्यान रखना होगा:

  • व्यवसाय के लिए लागत (Investment for business)
  • जगह (Location)
  • लाइसेंस (Licensefor this business)
  • रॉ मटेरियल (Raw material)
  • मशीन (Machines)
  • प्रक्रिया या बनाने का तरीका (Process)
  • पैकेजिंग (Packaging)
  • बिज़नेस प्लान / मार्केटिंग (बिज़नेस प्लान एंड मार्केटिंग )
  • कर्मचारी की नियुक्ति (Selection/hiring of manpower)
  • बिकने की सम्भावना व फायदा  (Possibility of selling and profit)

स्कूल बैग्स को बनाने का बिज़नेस के लिए लागत  (Investment for schoolbags making business)

स्कूलबैग्स (School bags ) को बनाने के व्यवसाय (Business) को शुरू करना हमारे ऊपर ही निर्भर करता है कि हम कितना बड़ा व्यवसाय  शुरू करना चाहते हैं । अगर हम इसको थोड़े छोटे लेवल पर शुरू करते हैं तो हमारा काम कम पैसो में भी हो जाता है, बस हमें मशीन व कच्चा माल (Machines and Raw material) का ही खर्च आएगा । तथा अगर हम इसका बड़ा बिज़नेस करना चाहते हैं तो बड़े लेवल पर ज्यादा पैसे लगा कर हम इसको शुरू कर सकते हैं ।

School bags बनाने का व्यापार शुरू करने के लिए लगभग १.५ लाख रु का होना जरुरी है, जिसमे कि हमारा सभी बड़ा बड़ा सामान जैसे कि मशीने , कच्चा माल इत्यादि सब आ जाएगा, और अगर हम बड़े लेवल के काम कि बात करे तो अधिक पैसा लगा कर ,ज्यादा मशीने खरीद कर , इसको बड़े लेवल पर भी शुरू कर सकते है।  वो सब हमारे ही ऊपर निर्भर करता है कि हमारे पास कितना जमा धन है जोकि हम इस काम में लगा सकते हैं। 

वैसे अगर हम चाहते हैं कि हम बड़ा काम शुरू करे और इतने पैसे नहीं है तो हम ये काम लोन ले कर भी शुरू कर सकते हैं।  हमारे पास वो प्रावधान भी है।

स्कूल बैग्स बनाने की मशीन भी कई प्रकार की आती है और सभी के रेट भी अलग अलग है इनके ऊपर भी इन्वेस्टमेंट निर्भर करती है  इनके बाद इस Business को अच्छे लेवल पर शुरु करने के लिए मशीन खरीदनी पड़ती बिल्डिंग बनानी पड़ती है जिसके अन्दर मशीन लगेगी और स्टॉक रखने के लिए सभी चीज के लिए बिल्डिंग फिर बिजली, पानी की सुविधा और कच्चा माल व् वाहन सभी के लिए अलग अलग इन्वेस्टमेंट(Investment) करनी पड़ती है । 

इसमें ४ मशीनों की जरुरत पड़ती है (जिनकी विस्तृत जानकारी हम आपको बाद में बताते हैं )।

  • मशीनों का खर्च :७७,००० रु
  • कच्चा माल : ३२००० रु
  • स्टाफ की तनख्वा  :२०००० रु
  • अन्य खर्च : ५००० रु
  • कुल खर्च : १,३४,००० रु

ये खर्च लगभग एक महीने का है।   

अगर हम सेमी आटोमेटिक प्लांट (Semi-automatic plant) लगाते है तो इससे कम बजट के अन्दर आप बिज़नेस शुरु कर सकते है। 

School bags बनाने के बिज़नेस के लिए लोकेशन (Location for school bags making business)

छोटे लेवल पर हम जरुरी मशीने  लगा कर school bags बनाने का व्यवसाय आरम्भ कर सकते हैं ।  स्कूल बैग्स बनाने का काम शुरू करने के लिए हमें अच्छी जमीन की जरुरत पड़ती है क्योकि इसके अन्दर प्लांट बनाना पड़ता है उसके बाद गोडाउन (Godown ) भी बनाना पड़ता है जिसमे की काफी जगह की जरुरत होती है , लगभग ३००- ५०० वर्ग फ़ीट। अगर हमारे पास इतनी जगह है तो ठीक है , नहीं तो जमीन का खर्च भी इसमें जुड़ जाता है। हम ये जमीन शहर या गांव , कहीं भी ले सकते हैं। इसके साथ ही २-५ किलोवाट के बिजली के कनेक्शन की  भी जरुरत पड़ेगी। 

हाँ, बड़े लेवल पर यह काम करने के लिए थोड़ी ज्यादा जमीन की जरुरत पड़ सकती है और वो भी हमारे ऊपर ही निर्भर करता है के हम कितना बड़ा काम शुरू करना चाहते हैं। जिसमे की मशीन भी आ जाएगी तथा पैकिंग का काम भी हो जाएगा। अगर हमारे पास इसके ऑफिस के लिए इतनी बड़ी कोई जगह नहीं है तो हम जगह किराए पर भी ले सकते हैं| किराए पर लेने से पहले हम rent agreement जैसी कुछ बातो का ध्यान रखना होगा | अगर हम जमीन भीड़ वाले एरिया में लेते हैं तो लोग हमें पहचानने लगेंगे कि यहाँ पर school bags  बनाने का काम होता है ।  लेकिन अगर हम जमीन गांव में या काम भीड़ वाली सस्ती जगह पर लेते हैं तो हमारी जमीन तो सस्ती आ जाएगी लेकिन हमारे वाहन (transport ) का खर्च बढ़ सकता है ।

School bags बनाने के बिज़नेस के लिए लाइसेंस (License for school bags making business)

कोई भी business शुरू करने से पहले हमें उसका कोई नाम या ब्रांड सोचना होता है , उसके लिए हमें कुछ रजिस्ट्रेशन करने होते है।  जिनकी जानकारी हम आपको दे रहे हैं :

  • व्यापार लाइसेंस
  • फैक्टरी लाइसेंस
  • जीएसटी नंबर : किसी भी व्यवसाय को शुरू करने के लिए सबसे अनिवार्य चीज।
  • यूएएम पंजीकरण
  • आरओसी के साथ कंपनी पंजीकरण
  • बीआईएस प्रमाण
  • एमएसएमई पंजीकरण
  • NOC लेटर
  • दुकान अधिनियम लाइसेंस (Shop license )

इसके साथ ही हमें कुछ और कागजो की जरुरत पद सकती है जैसे के आधार कार्ड, पैन कार्ड (PAN card),वोटर कार्ड(Voter ID card), rashion card, बिजली का बिल , बैंक अकाउंट की  details, हमारा एक पासपोर्ट साइज फोटो, email ID, फ़ोन नंबर बाकि प्रूफ भी| हमें ये सब भी तैयार रखने होंगे|

ये सभी चीजें हमें व्यापार शुरू करने से पहले तैयार करा लेनी चाहिए ताकि सब काम हमारा सरकार की नज़रो में हो तथा कुछ भी काम करते हुए कोई अड़चन न आये.

School bags बनाने के लिए कच्चा माल (Raw material for school bags making business)

किसी भी व्यापार (Business)का उद्देश्य कम पैसे लगा कर ज्यादा मुनाफा कमाना होता हैं । अतः हमें सामान वहां से खरीदना चाहिए जहाँ से सस्ता व अच्छा मिले । लेकिन हमें ज्यादा मुनाफा कमाने के चक्कर में खराब कच्चा माल भी नहीं लेना चाहिये,  नहीं तो हमारे सामान की क्वालिटी अच्छी नहीं होगी व सामान लोगो को पसंद भी नहीं आएगा। लोगों की बदलती जरूरतों को पूरा करने के लिए, विभिन्न प्रकार के कपड़े जैसे पॉलीथीन, नायलॉन या कैनवास का उपयोग विभिन्न डिजाइनों के स्कूल बैग बनाने के लिए किया जाता है। यार्न और अन्य सामग्री जैसे चेन, हिरन लेस, स्टिकर, आई लेस, रिबन और बटन भी आवश्यक हैं। school bags बनाने के लिए निम्न लिखित सामान की जरुरत होती है:

  • नायलॉन या  कैनवास  का कपडा
  • Buckles
  • नायलॉन की Viscose tape
  • Locks
  • सिलाई करने के लिए धागा
  • वेल्क्रो
  • Slide Fasteners
  • बैग बनाने के बाकी  छुटपुट सामान

हम दुकान पर जा कर भी इन सामानो को मोल भाव कर के कम दाम में खरीद सकते हैं। हॉल सेल में खरीदेंगे तो और भी कम कीमत में हम इसको ले सकते है। 

अगर हम ऑफलाइन किसी वजह से नहीं खरीद पा रहे हैं तो हम इसको ऑनलाइन भी खरीद सकते हैं। बस गूगल (Google) पर टाइप करना हैं, और इसके सभी लिंक हमारे सामने आ जाएंगे। फिर जहाँ से भी कम कीमत पर मिल रहा है, वहां से ऑनलाइन आर्डर कर के इसका सब सामान आसानी से मंगवा सकते हैं। आजकल तो सब सामान ऑनलाइन ही मिल जाता है, तथा कोरोना के इस दौर में बाहर भी निकलना नहीं होता , जोकि हमारे लिए अच्छा ही है।

School bags बनाने के लिए आवश्यक मशीने (school bags making machines)

इस उद्योग को स्टार्ट करने हेतु निम्नलिखित मशीनों का इस्तेमाल होता है-

  • स्कूल बैग बनाने के व्यवसाय करने  के लिए मुख्य रूप से एक औद्योगिक सिलाई मशीन और टेप ब्रेडिंग मशीन, टेबल, हथौड़े, कैंची आदि की आवश्यकता होती है। औद्योगिक सिलाई मशीन, घरेलु सिलाई मशीन से थोड़ी सी अलग होती है। 
  • औद्योगिक सिलाई मशीन : Semi-automatic, एक ही सुई वाली।
  • बटन आदि लगाने के लिए कुछ हाथ से चलने वाले औज़ार।
  • Cutting tables
  • Screen printing and label printing machine
  • Heavy-duty craftsmen सिलाई मशीन
  • Tape braiding machine
  • अन्य छुट पुट सामान जैसे कि knife cutter, angle scales, Aluminium sheets, Cutting strips, pattern शीट्स आदि।

ये मशीने हम ऑफलाइन व ऑनलाइन दोनों तरीको से खरीद सकते हैं। ऑफलाइन तो हमें अगर इसकी दुकान या बाजार पता है तो जा कर ली जा सकती है. एवं वो डीलर अगर हमारा जानने वाला हुआ तो और भी कम दाम में हम यह खरीद सकते हैं।

ऑनलाइन खरीदने के लिए हम बस गूगल (Google) पर टाइप करेंगे तो इसके सभी लिंक खुल जाएंगे ।वहां से सभी मशीनों के दाम को compare कर के हम कम दाम वाली मशीन आसानी से खरीद सकते हैं। और यह मशीन आसानी से मार्किट में मिल जाएगी।

जहाँ तक मशीन चलाने की बात है तो नेट , यूट्यूब पर बहुत सारी videos उपलब्ध हैं, मगर जब हम यह मशीन खरीदते हैं , तभी डीलर से हमें उसका डेमो देख लेना चाहिए, और इसकी सभी जानकारी ले लेनी चाहिए, की इसको चलते कैसे हैं, इसकी साफ़ सफाई कैसे की जाती है, इत्यादि।

ध्यान रहे, जितना हम मशीनों की, इसके सामान की साफ़ सफाई रखेंगे , इतना ही यह सब सामान लम्बे समय तक नए जैसा अच्छा चलेगा। साफ़ सफाई अच्छे  से करने से मशीनो की  life बढ़ती है।

School bags बनाने का तरीका / प्रक्रिया (school bags making process)

स्कूल बैग्स को  बनाने की प्रक्रिया निम्न लिखित है:

  • सबसे पहले बैग के कपड़े को तीन भागों में ठीक से काटा जाता है यानी टॉप फ्लैप, फ्रंट, बैक और गसेट।
  • छोटी वस्तुओं (Small things )को रखने के लिए सामने के खंड को पैच पॉकेट के साथ जोड़ा जाता है ।
  • उसके बाद, सभी टुकड़ों को पॉकेट, शीर्ष किनारों और किनारों पर लगभग 10 मिमी चौड़ी पाइपिंग रखते हुए एक मशीन से सिल दिया जाता है।
  • बैग में दो बकल और स्ट्रैप दिए गए हैं। स्टिकर(Sticker) , हिरन लेस चेन आदि को जोड़ने के बाद इसे बड़ी सफाई के साथ पूरा किया जाता है।

यह सब काम होने के बाद हमारा पैकिंग का काम शुरू होता है।   

School bags की पैकेजिंग (Packaging of school bags)

School bags बन जाने के बाद इसकी पैकिंग की जाती है| हमें इसकी पैकिंग पर विशेष ध्यान देना होगा । हम अच्छी सी पॉलिथीन या डब्बो में इसको पैक करते है।  याद रहे, जितनी अच्छी पैकिंग होती है , उतना ही हमारा सामान ग्राहक को लुभाता है।  इसलिए पैकिंग का अच्छा होना बहुत ज्यादा जरुरी है।

School bags बनाने का बिज़नेस प्लान व मार्केटिंग (Business plan and marketing of school bags )

हमारा काम चाहे कैसा भी हो, छोटा या बड़ा, उसका एक प्लान होना जरुरी है| हमें एक लक्ष्य रखना होगा के हम आने वाले ३ महीनो में इतना व्यापार  कर लेंगे या इतना सामान बना कर बेचेंगे |उसके बाद हमें उसका मूल्यांकन करना होता है, उसको देखना होता है के हम अपने प्लान के अनुसार चल रहे हैं कि नहीं।  अगर कम चल रहे हैं तो हमें उस बात पर ध्यान देना होगा कि कम क्यों है तथा उसकी मार्केटिंग बढ़ानी होगी। हमें शुरू में थोड़ी दिक्कत आ सकती है,क्योंकि मार्किट में पहले से ही सामान दूसरी कंपनी बेच रही होती है, हमें अपना सामान सबको समझा कर , उसकी सभी खूबिया बता कर मार्केटिंग करनी होगी| हम फेसबुक तथा इंस्टाग्राम पर भी अपना ऐड कर के अपने प्रोडक्ट के बारे में बता सकते है| हमारे सभी फोलोवर्स को हमारे सामान के बारे में पता चलेगा तथा वो हमसे सामान खरीद सकते है| हम अपने वात्सप्प ग्रुप पर भी अपने सामान का ऐड कर सकते है.आजकल जरुरी नहीं है के सामान की मार्केटिंग घर घर जा कर ही की जा सके, आजकल सब घर बैठे भी हो सकता है|

व्यवसाय के लिए कर्मचारी की नियुक्ति (Hiring manpower/ workers for business)

अगर हमें लगता है के हमें कम थोड़े बड़े लेवल पर करना है तो हमें कर्मचारी भी रखने होंगे | अगर हम एक्सपेरिएंस्ड कर्मचारी रखेंगे तो हमें फायदा होगा परन्तु उनकी फीस थोड़ी ज्यादा होगी तथा हमारा बजट थोड़ा कम है तोह हम फ्रेशर्स को रख सकते हैं तथा उनको ट्रेंड कर सकते हैं, लेकिन उनको काम से काम सिलाई तो आनी ही चाहिए। हमें कम से कम एक कर्मचारी तथा एक सुपरवाइजर की ज़रूरत पद सकती है|  कई लोग समझते हैं की superviser को रखना जरुरी नहीं होता, लेकिन अगर सभी काम करेंगे तो  उनके काम को देखने के लिए कोई नहीं रहेगा. कर्मचारी मशीन को चलने तथा पैकिंग वगैरह सब देखने के लिए तथा सुपरवाइजर उसके काम का निरीक्षण परीक्षण करने के लिए।

बिकने की सम्भावना व फायदा ( Possibility of selling and profit)

एक नयी कंपनी का सामान बेचने के लिए थोड़ी मशक्क्त तो करनी ही पड़ती है। लेकिन जिस हिसाब से school bags की मांग है, हमारे bags आराम से बिक जाएंगे । बाकि यह बहुत हद तक हमारी मार्केटिंग , तथा इसके ऐड पर निर्भर करता है कि हम कितनी मार्केटिंग पर मेहनत कर रहे हैं| ज्यादा मार्केटिंग करने से सामान ज्यादा बिकता है | किसी भी काम को शुरू में काम लाभ होता है, तथा जैसे जैसे समय बढ़ता है, लोग हमारे प्रोडक्ट को पहचानने लगते है, एवं फायदा भी बढ़ने लगता है |

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