कॉपी / नोटबुक बनाने का बिज़नेस कैसे करें | notebook making business in hindi

Notebook एक ऐसा प्रोडक्ट है जिसका इस्तेमाल लगभग सभी जगह जैसे कि स्कूल, कॉलेज, घर, दुकान, हॉस्पिटल और भी बहुत सारी जगह होता है। नोटबुक को आम भाषा में कॉपी कहा जाता है।  नोटबुक एक रोज़ाना इस्तेमाल होने वाली चीजों में आता है , और इसकी डिमांड साल के १२ महीने अच्छी खासी रहती है । कॉपी भी बहुत तरह ही आती है जैसे कि हिंदी कि कॉपी, इंग्लिश कि कॉपी, गणित कि कॉपी और अब तोह गणित कि भी कई तरह ही कॉपी आती है जैसे कि चौड़े खानो वाली कॉपी, विभिन्न साइज में, विभिन्न विषयों कि अलग अलग और सभी तरह की कॉपियों की मांग बहुत ज्यादा है 

कॉपियों /नोटबुक की बढ़ती डिमांड को देखते हुए बहुत सारी कंपनियां कॉपियां बनाती हैं और इनकी कॉपियां बिकती भी अच्छे से ही हैं क्यूंकि कॉपियों का काम रोज़ाना के इस्तेमाल में सभी जगह होता ही है, यह काम कभी कम नहीं होता। 

नोटबुक को बना कर बेचना भी व्यवसाय का एक अच्छा खासा विकल्प हो सकता है, क्यूंकि इसकी डिमांड बहुत ही बढ़ती जा रही है और कभी कम होगी ही नहीं। इसे आप सदाबहार बिज़नेस कह सकते हैं। 

नोटबुक को बना कर बेचने का बिज़नेस कैसे शुरू करें, इसमें कितना खर्च आएगा, इसका सामान कैसे व कहाँ से खरीदे। आज के इस लेख में हम आपको ये सब विस्तार से बताएँगे ।  जो लोग अभी बेरोज़गार बैठे हैं, उनको इस लेख को पढ़कर यह व्यवसाय आरम्भ करने की प्रेरणा मिलेगी। 

बाकि सभी बिज़नेस की तरह ही इस व्यापार को शुरू करने के लिए भी कुछ चीजों की जरुरत रहती है। वैसे तो यह आप पर निर्भर करता है के आप कितना बड़ा व्यापर शुरू करना चाहते है। अगर छोटा चाहते हैं बहुत ज्यादा सामान की जरुरत नहीं पड़ती परन्तु यदि बड़ा बिज़नेस चाहते हैं तो थोड़ा ज्यादा पैसा लगा कर भी यह काम शुरू किया जा सकता है। 

यहाँ पर notebook को बना कर बेचने के लिए सभी जरुरी जानकारियां दी जा रही हैं, आप उनकी मदद से काम शुरू कर सकते हैं| इसको पढ़ने के लिए हमारे इस लेख को अंत तक पढ़ें । 

लेकिन इसके लिए सबसे पहले हमें इसके बारे में अच्छे से जानना होगा । 

कॉपी क्या है (What is a notebook)?

वैसे तो हम सभी इसके बारे में जानते हैं, लेकिन फिर भी मैं अपनी तसल्ली कि लिए आपको बता देती हूँ कि यह एक stationary product है, जिसका इस्तेमाल बच्चो ,अध्यापक, ऑफिस में काम करने वाला क्लर्क ,सामान बेचने वाला दुकानदार, फैक्ट्री में काम करने वाला मज़दूर सभी लोग अपने दैनिक जीवन में करते हैं। 

अब हम आपको इसका काम शुरू करने के बारे में बताते है।  इसका काम शुरू करने से पहले हमें निम्न बातों का ध्यान रखना होगा:

  • कुल लागत (Investment for business)
  • लोकेशन (Location for business)
  • लाइसेंस (License for notebook making business)
  • रॉ मटेरियल(Row material)
  • मशीन (Machines)
  • प्रक्रिया या बनाने का तरीका (Process)
  • पैकेजिंग (Packaging)
  • बिज़नेस प्लान and मार्केटिंग (Business plan and marketing)
  • कर्मचारी की नियुक्ति(Selection/hiring of manpower)
  • बिकने की सम्भावना व फायदा  (Possibility of selling and profit)

अब हम सभी चीजों के बारे में विस्तार से बताएँगे । 

नोटबुक को बनाने का बिज़नेस के लिए लागत  (Investment for notebook making business)

Notebook को बनाने के बिज़नेस को शुरू करना हमारे ऊपर ही निर्भर करता है कि हम कितना बड़ा बिज़नेस शुरू करना चाहते हैं । अगर हम इसको थोड़े छोटे लेवल पर शुरू करते हैं तो हमारा काम कम पैसो में भी हो जाता है, बस हमें मशीन व कच्चा माल का खर्च आएगा । तथा अगर हम इसका बड़ा बिज़नेस करना चाहते हैं तो बड़े लेवल पर ज्यादा पैसे लगा कर हम इसको शुरू कर सकते हैं ।

हमे नोटबुक बनाने के लिए ६ लाख तक लागत लग सकती है। जिसमे कि हमारा सभी बड़ा बड़ा सामान जैसे कि मशीने , कच्चा माल इत्यादि सब आ जाएगा, और अगर हम बड़े लेवल के काम कि बात करे तोह अधिक पैसा लगा कर ,ज्यादा मशीने खरीद कर , इसको बड़े लेवल पर भी शुरू कर सकते है।  वो सब हमारे ही ऊपर निर्भर करता है कि हमारे पास कितना जमा धन है जोकि हम इस काम में लगा सकते हैं।

नोटबुक बनाने का व्यापार शुरू करने कि लिए कम से कम ५-६ लाख रु का होना बहुत जरुरी है,

  • मशीन लेने के लिए : १ से २ लाख रु तक की लागत लगेगी।
  • कच्चा माल (Raw material) लेने के लिए :३ लाख रु की लागत लगेगी ।
  • हमे (advertisement) भी करनी होगी तो उसके लिए हमे : ५० हजार रु की लागत लग सकती है ।
  • अगर हम अभी छोटे लेवल पर काम शुरू कर रहे है तो हमे कुल लागत (इन्वेस्टमेंट for business): ६ लाख रु तक लग सकती है ।

वैसे अगर हम चाहते हैं कि हम बड़ा काम शुरू करे और इतने पैसे नहीं है तो हम ये काम लोन ले कर भी शुरू कर सकते हैं।  हमारे पास वो प्रावधान भी है। 

Notebook बनाने के बिज़नेस के लिए लोकेशन (Location for notebook making business)

छोटे लेवल पर हम एक ही मशीन लगा कर note book बनाने का व्यवसाय आरम्भ कर सकते हैं जोकि हम अपने घर से भी शुरू कर सकते हैं हमारा घर चाहे शहर में हो या गांव में, हम अपना काम कही से भी शुरू कर सकते हैं। 

हाँ, बड़े लेवल पर यह काम करने के लिए थोड़ी ज्यादा जमीन की जरुरत पड़ सकती है और वो भी हमारे ऊपर ही निर्भर करता है के हम कितना बड़ा काम शुरू करना चाहते हैं। जिसमे की मशीन भी आ जाएगी तथा पैकिंग का काम भी हो जाएगा। अगर हमारे पास इसके ऑफिस के लिए इतनी बड़ी कोई जगह नहीं है तो हम जगह किराए पर भी ले सकते हैं| किराए पर लेने से पहले हम rent agreement जैसी कुछ बातो का ध्यान रखना होगा | अगर हम जमीन भीड़ वाले एरिया में लेते हैं तो लोग हमें पहचानने लगेंगे कि यहाँ पर नोट बुक बनाने का काम होता है ।  लेकिन अगर हम जमीन गांव में या काम भीड़ वाली सस्ती जगह पर लेते हैं तो हमारी जमीन तो सस्ती आ जाएगी लेकिन हमारे वाहन (transport ) का खर्च बढ़ सकता है ।

Notebook बनाने के बिज़नेस के लिए लाइसेंस (License for notebook making business)

कोई भी business शुरू करने से पहले हमें उसका कोई नाम या ब्रांड सोचना होता है , उसके लिए हमें कुछ रजिस्ट्रेशन करने होते है।  जिनकी जानकारी हम आपको दे रहे हैं :

  • Business का पंजीकरण
  • GST नंबर registration : जोकि सरकार ने किसी भी बिज़नेस को शुरू करने कि लिए अनिवार्य कर दिए है। 

इसके साथ ही हमें कुछ और कागजो की जरुरत पद सकती है जैसे के आधार कार्ड, पैन कार्ड (PAN card),वोटर कार्ड(Voter ID card), rashion card, बिजली का बिल , बैंक अकाउंट की  details, हमारा एक पासपोर्ट साइज फोटो, email ID, फ़ोन नंबर बाकि प्रूफ भी| हमें ये सब भी तैयार रखने होंगे|

ये सभी चीजें हमें व्यापार शुरू करने से पहले तैयार करा लेनी चाहिए ताकि सब काम हमारा सरकार की नज़रो में हो तथा कुछ भी काम करते हुए कोई अड़चन न आये.

नोटबुक बनाने के लिए कच्चा माल (Raw material for notebook making business)

किसी भी व्यापार का उद्देश्य कम पैसे लगा कर ज्यादा मुनाफा कमाना होता हैं । अतः हमें सामान वहां से खरीदना चाहिए जहाँ से सस्ता व अच्छा मिले । लेकिन हमें ज्यादा मुनाफा कमाने के चक्कर में खराब कच्चा माल भी नहीं लेना चाहिये,  नहीं तो हमारे सामान की क्वालिटी अच्छी नहीं होगी व सामान लोगो को पसंद भी नहीं आएगा।   notebook बनाने के लिए निम्न लिखित सामान की जरुरत होती है:

  • GSM पेपर कि सफ़ेद शीट : यह इसका मुख्य कच्चा माल है, इसी से कॉपियां तैयार होती हैं। 
  • ग्रे बोर्ड शीट : ये कॉपी का कवर बनाने का काम करता है। 
  • प्रिंटिंग इंक : इससे लाइने प्रिंट की जाती हैं। 
  • लेवल कवर शीट : : ये कॉपी के कवर पर लगाया जाता है। 
  • ग्लू : : ये कवर व कॉपी को चिपकाने का काम करता हैं।
  • धागा : इससे कॉपी की सिलाई करते हैं। 
  • पिन: ये कॉपी व पेज को बाँध के रखने में मदद करता है। 

हम दुकान पर जा कर भी इन सामानो को मोल भाव कर के कम दाम में खरीद सकते हैं। हॉल सेल में खरीदेंगे तो और भी कम कीमत में हम इसको ले सकते है। 

अगर हम ऑफलाइन किसी वजह से नहीं खरीद पा रहे हैं तो हम इसको ऑनलाइन भी खरीद सकते हैं। बस गूगल पर टाइप करना हैं, और इसके सभी लिंक हमारे सामने आ जाएंगे। फिर जहाँ से भी कम कीमत पर मिल रहा है, वहां से ऑनलाइन आर्डर कर के इसका सब सामान आसानी से मंगवा सकते हैं। आजकल तो सब सामान ऑनलाइन ही मिल जाता है, तथा कोरोना के इस दौर में बाहर भी निकलना नहीं होता ।

नोटबुक बनाने की मशीन (notebook making machine)

इस उद्योग को स्टार्ट करने हेतु निम्नलिखित मशीनों का इस्तेमाल होता है-

  • डिस्क रूलिंग मशीन- इस मशीन की सहायता से पेजेज पर रूलिंग अर्थात लाइन खींची जाती हैं।
  • पेपर फोल्डिंग मशीन- इस मशीन की सहायता से पेपर फोल्ड किये जाते है जिससे कापी बनती है।
  • पिन स्टेपल मशीन- कवर और पेजेज में स्टेपलिंग के लिए
  • एज स्क्वायर मशीन-  यह मशीन कापी को फिनिशिंग टच देने के काम में आती है

ये मशीने हम ऑफलाइन व ऑनलाइन दोनों तरीको से खरीद सकते हैं। ऑफलाइन तो हमें अगर इसकी दुकान या बाजार पता है तो जा कर ली जा सकती है. एवं वो डीलर अगर जानने वाला हुआ तो और भी कम दाम में हम यह खरीद सकते हैं।

ऑनलाइन खरीदने के लिए हम बस गूगल पर टाइप करेंगे तो इसके सभी लिंक खुल जाएंगे ।वहां से सभी मशीनों के दाम को compare कर के हम कम दाम वाली मशीन आसानी से खरीद सकते हैं। और यह मशीन आसानी से मार्किट में मिल जाएगी।

जहाँ तक मशीन चलाने की बात है तो नेट , यूट्यूब पर बहुत सारी विडियोज उपलब्ध हैं, मगर जब हम यह मशीन खरीदते हैं , तभी डीलर से हमें उसका डेमो देख लेना चाहिए, और इसकी सभी जानकारी ले लेनी चाहिए, की इसको चलते कैसे हैं, इसकी साफ़ सफाई कैसे की जाती है, इत्यादि।

ध्यान रहे, जितना हम मशीनों की, इसके सामान की साफ़ सफाई रखेंगे , इतना ही यह सब सामान लम्बे समय तक नए जैसा अच्छा चलेगा। साफ़ सफाई अच्छे  से करने से मशीनो की  life बढ़ती है।

Notebook बनाने का तरीका / प्रक्रिया (notebook making process)

Notebook बनाने की प्रक्रिया निम्न लिखित है:

  • सबसे पहले हम कॉपी का कवर बनाते हैं , इसके लिए हम ग्रे शीट को अच्छे से मोड़ते हैं ताकि वो कॉपी कि साइज का कट जाये।
  • फिर जो वाइट पेपर होते हैं, जिनसे कॉपी बनती है , उनकी रूलिंग मशीन से रूलिंग कि जाती है , मतलब उसमे लाइन्स खींची जाती हैं।
  • उसके बाद हमें जितनी मोती कॉपी बनानी हैं, उस हिसाब से कागज ले कर, मोड़ कर , उस कवर कि बीच में रख देते हैं।
  • अब कवर को पिनिंग मशीन कि सहायता से पिन करते हैं।
  • अब कॉपी को ऐज स्क्वायर मशीन कि सहायता से फिनिशिंग लुक दिया जाता हैं।
  • फिनिशिंग लुक देने कि बाद नोट बुक को , कटाई मशीन कि सहायता से तीन तरफ से काटा जाता है, पिन वाली तरफ से हम नहीं कट करते हैं। 
  • अगर जरुरत पड़े तोह हम इसको काट कर दो नोटबुक भी बना सकते है।

अब हमारी नोटबुक तैयार है। 

यह सब काम होने के बाद हमारा पैकिंग का काम शुरू होता है।   

Notebook की पैकेजिंग (Packaging of notebook)

Notebook बन जाने के बाद इसकी पैकिंग की जाती है| हमें इसकी पैकिंग पर विशेष ध्यान देना होगा । हम अपनी कॉपियां होलसेल तथा अन्य दुकानों के लिए अलग अलग पैकिंग करते हैं।  होलसेल के लिए कॉपियों का बड़ा बण्डल बनाते है।  तथा नार्मल दुकानों कि लिए हम १-२-४ ऐसे  गिनती में भी बेच सकते है।  ये सब हमारे ऊपर ही निर्भर करता हैं, कि हम कॉपी कहाँ बेचने जा रहे हैं। 

नोटबुक बनाने का बिज़नेस प्लान व मार्केटिंग (Business plan and marketing of notebook )

बिज़नेस चाहे कैसा भी हो, छोटा या बड़ा, उसका एक प्लान होना जरुरी है| हमें एक लक्ष्य रखना होगा के हम आने वाले ३ महीनो में इतना व्यापार  कर लेंगे या इतना सामान बना कर बेचेंगे |उसके बाद हमें उसका मूल्यांकन करना होता है, उसको देखना होता है के हम अपने प्लान के अनुसार चल रहे हैं कि नहीं।  अगर कम चल रहे हैं तो हमें उस बात पर ध्यान देना होगा कि कम क्यों है तथा उसकी मार्केटिंग बढ़ानी होगी। हमें शुरू में थोड़ी दिक्कत आ सकती है,क्योंकि मार्किट में पहले से ही सामान दूसरी कंपनी बेच रही होती है, हमें अपना सामान सबको समझा कर , उसकी सभी खूबिया बता कर मार्केटिंग करनी होगी| हम फेसबुक तथा इंस्टाग्राम पर भी अपना ऐड कर के अपने प्रोडक्ट के बारे में बता सकते है| हमारे सभी फोलोवर्स को हमारे सामान के बारे में पता चलेगा तथा वो हमसे सामान खरीद सकते है| हम अपने वात्सप्प ग्रुप पर भी अपने सामान का ऐड कर सकते है.आजकल जरुरी नहीं है के सामान की मार्केटिंग घर घर जा कर ही की जा सके, आजकल सब घर बैठे भी हो सकता है|

व्यवसाय के लिए कर्मचारी की नियुक्ति (Hiring manpower/ workers for business)

अगर हमें लगता है के हमें काम थोड़े बड़े लेवल पर करना है तो हमें कर्मचारी भी रखने होंगे |अगर हम एक्सपेरिएंस्ड कर्मचारी रखेंगे तो हमें फायदा होगा परन्तु उनकी फीस थोड़ी ज्यादा होगी तथा हमारा बजट थोड़ा कम है तोह हम फ्रेशर्स को रख सकते हैं तथा उनको ट्रेंड कर सकते हैं| हमें कम से कम एक कर्मचारी तथा एक सुपरवाइजर की ज़रूरत पद सकती है|  कई लोग समझते हैं की superviser को रखना जरुरी नहीं होता, लेकिन अगर सभी काम करेंगे तो  उनके काम को देखने के लिए कोई नहीं रहेगा. कर्मचारी मशीन को चलने तथा पैकिंग वगैरह सब देखने के लिए तथा सुपरवाइजर उसके काम का निरीक्षण परीक्षण करने के लिए।

बिकने की सम्भावना व फायदा ( Possibility of selling and profit)

हम जब भी कोई नया व्यापार शुरू करते है हमे थोड़ी मेहनत करनी होती है। अब जैसे की हमारा बिजनेस अभी अभी सेटल हुआ है, हमे नोटबुक बेचने मै थोड़ी मेहनत तो करनी ही पड़ेगी अगर हम इसके इश्तेहार मै ध्यान दे तो यह काम और भी ज्यादा आसान होजाएगा लोग आज कल डिजिटल मार्केटिंग पे ज्यादा आकर्षित होते है। हम जिसतरह से हमारी एडवाटाइजमेंट रखेंगे हमारे नोटबुक जल्द ही बिक जायेंगे और हमारा प्रॉफिट होना भी शुरू होजाएगा ।

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