जींस मेकिंग बिजनेस क्या है और इसे कैसे शुरू करें | Jeans manufacturing business in Hindi

अगर कपड़ों के इंडस्ट्री की बात की जाए तो जींस बनाने की बिजनेस सबसे बेस्ट बिजनेस है। चाहे वह बच्चा हो, जवान हो या उम्रदराज हो, आजकल लोग सिलवाए हुए पैंट पहनने के बजाय जींस पहनना ज्यादा पसंद करते हैं। पूरे दुनिया भर में जींस का बिजनेस 20 बिलियन डॉलर का है जो कि एक बहुत ही बड़ा आंकड़ा होता है। अगर आप भी सोच रहे हैं कि जींस का बिजनेस शुरू किया जाए तो आप सही जगह पर है क्योंकि आज हम आपको जींस बनाने की बिजनेस के बारे में सब कुछ बताने वाला है। यह आर्टिकल आपकी बहुत ही मदद करेगा इसलिए इस आर्टिकल को ध्यान से पढ़े। कैसे शुर करे

जींस बिजनेस का मार्केट स्कोप कितना है?

जींस बिजनेस एक बहुत ही बड़ा इंडस्ट्री है और आप भी इसमें बहुत बढ़िया पैसा कमा सकते हैं। बहुत सारे बड़े-बड़े कंपनी भारत में अपना जींस बेचते हैं लेकिन जब आप इस बिजनेस का केस स्टडी करिएगा तो आपको यह पता चलेगा कि लोग महंगे ब्रांडेड जींस खरीदने के बजाय सस्ते नॉन-बोंडेड जींस पहनना ही पसंद करते हैं। नॉन-बोंडेड जींस दूसरी तरह के गारमेंट फैक्ट्री से आती है जिनकी कीमत तो ब्रांडेड के मुकाबले में बहुत कम होती है पर क्वालिटी ज्यादा भी खराब नहीं होता है। जींस बिजनेस का मार्केट ग्रोथ हर साल 8 से 12 परसेंट है।

बिजनेस प्लान

जींस बिजनेस में डिजाइनिंग और वर्तमान फैशन का नॉलेज होना बहुत जरूरी है तभी आप का प्रोडक्ट बिक पाएगा। इसलिए आपके पास एक प्रॉपर माइंडसेट, नॉलेज, और बढ़िया इन्वेस्टमेंट का होना बहुत जरूरी है जब भी आप जींस मेकिंग बिजनेस शुरू करने का सोच रहे हो। यहां आज इस आर्टिकल में हम आपको जींस रिलेटेड सारे बात बताने जाएंगे कि आपको इसके लिए कितना इन्वेस्टमेंट लगेगा, कितने कारीगरों की जरूरत पड़ेगी, और मशीनरी का खर्च कितना आएगा।

इसके अलावा हम आपको यह भी बताएंगे कि इस बिजनेस का मार्केटिंग कैसे करें कि आपका प्रोडक्ट ज्यादा से ज्यादा बिके।

लाइसेंस और रजिस्ट्रेशन

आप जब भी जींस मेकिंग बिजनेस शुरू करने का सोच रहे हैं तो आपको डेनिम रजिस्ट्रेशन करवाना होगा। भारत के हर राज्य के अलग-अलग रूल्स एंड रेगुलेशंस होते हैं इसलिए आप अपने राज्य के लिए सभी लाइसेंस और रजिस्ट्रेशन का पता कर ले।

यहां पर हमने कुछ लाइसेंस और रजिस्ट्रेशन के बारे में बताया है जो कि पूरे भारत में जींस मेकिंग बिजनेस शुरू करने के लिए अनिवार्य है।

  • फर्म का रजिस्ट्रेशन:- आप जब भी जींस मेकिंग बिजनेस शुरू करते है तो आपके पास दो ऑप्शन होते हैं:- एक प्रोपराइटरशिप और दूसरा पार्टनरशिप। अगर आप अकेले इस बिजनेस के मालिक हैं तो आपको अपनी कंपनी प्रोपराइटरशिप की तरह रजिस्ट्रेशन करवानी होगी हीं अगर आप दोस्तों के साथ पार्टनरशिपिंग करके जींस मेकिंग बिजनेस को शुरू कर रहे हैं तो आपको LLP या Pvt. Ltd. रजिस्ट्रेशन करवाना होगा।
  • GST रजिस्ट्रेशन:- आप अपने बिजनेस का GST नंबर, टैक्स आइडेंटिफिकेशन नंबर और इंश्योरेंस सर्टिफिकेट जाकर ले ले।
  • ट्रेड लाइसेंस:- लोकल अथॉरिटी के पास अपने बिजनेस का ट्रेड लाइसेंस भी बनवा लें.
  • MSME/SSI रजिस्ट्रेशन:- इस रजिस्ट्रेशन के जरिए आप सभी सरकारी स्कीम्स और फैसेलिटीज का उपयोग कर पाएंगे। अगर आप चाहते हैं कि आप के जींस मेकिंग बिजनेस के लिए आपको सरकार से सब्सिडी मिले तो आपको MSME/SSI रजिस्ट्रेशन करवाना जरूरी है।
  • EPF रजिस्ट्रेशन: अगर आपके फैक्ट्री में 20 से ज्यादा स्टाफ काम करते हैं तो आपको यह रजिस्ट्रेशन करवाना अनिवार्य हैं।
  • ESI रजिस्ट्रेशन:- यह रजिस्ट्रेशन आपको उन लोगों के लिए करवाना पड़ेगा जो आपके फैक्ट्री में काम करेंगे।
  • ट्रेड मार्क:- अगर आप अपने ब्रांड को ट्रेडमार्क कर लेते हैं तो आपके ब्रांड की एक अपनी यूनीक पहचान बन जाती है और कोई से कॉपी नहीं कर पाएगा।
  • IEC कोड:- अगर आप अपने जींस को दूसरे देशों में एक्सपोर्ट करना चाहते हैं तो आपको यह लाइसेंस लेना बहुत ही जरूरी है क्योंकि इसके बिना आप किसी दूसरे देश में जींस को एक्सपोर्ट नहीं करवा पाओगे।

जींस मेकिंग बिजनेस को शुरू करने के लिए कितना जगह चाहिए?

जब आप जींस मेकिंग बिजनेस शुरू करने जा रहे हैं तो इसके फैक्ट्री के लिए एक ऐसी जगह चुने जहां से लोकल मार्केट भी नजदीक पड़े और जहां पर कच्चा माल सप्लाई करना भी आपके लिए आसान हो। इस बात का भी ध्यान रखें कि यह जगह जहां कहीं भी हो वहां पर बिजली और पानी की उत्तम व्यवस्था हो। इन सभी बातों का ध्यान रखते हुए इस बात का भी ध्यान रखें कि आपको जींस बनाने के लिए 1000 Sq मीटर जमीन की आवश्यकता होगी। इस बिजनेस को शुरुआत देने के लिए इतना जगह काफी है। जैसे-जैसे आपका बिजनेस बढ़ेगा उसके हिसाब से आपको अपने फैक्ट्री की साइज भी बढ़ानी होगी।

जींस मेकिंग बिजनेस के लिए कौन-कौन से कच्चे माल की जरूरत पड़ती है?

जींस मेकिंग बिजनेस में कच्चे माल का चयन भी बहुत ही अहम भूमिका निभाता है क्योंकि यह कच्चा माल ही डिसाइड करता है कि आपके जींस की क्वालिटी क्या होगी। आप एक ऐसे सप्लायर से जाकर बात करें जो कि आपको सस्ते दामों में सबसे बढ़िया कच्चा माल प्रोवाइड कर दें और वह आपके फैक्ट्री से ज्यादा दूर भी न हो। अगर बेसिक कच्चे माल की बात की जाए तो रंगा हुआ कॉटन फैब्रिक सबसे अहम कच्चा माल है क्योंकि इसी से जींस बनाया जाता है। यह रंगे हुए कॉटन फैब्रिक तो बहुत सारे कलर्स में उपलब्ध होते हैं मगर जो सबसे ज्यादा डिमांड में रहता है वह है नीला रंग। आपने भी लोगों को नीले रंग की जींस ज्यादा पहने हुए देखा होगा।

निम्नलिखित कच्चे माल का जरूरत आपको जींस बनाने में पड़ेगा:-

  • धागा
  • बटन
  • जिपर्स
  • स्टिकर
  • वाशिंग एसिड
  • लेबल/ लोगो

जींस मेकिंग बिजनेस के लिए कौन-कौन से मशीनों की जरूरत पड़ती है?

जींस मेकिंग बिजनेस में फैक्ट्री में लगाए जाने वाले मशीनों को चुनना भी एक काम है। बाजार में बहुत तरह के जींस मेकिंग मशीन उपलब्ध है। कुछ मशीन ऑटोमेटिक होते हैं, कुछ सेमी ऑटोमेटिक, और कुछ मशीन पूरे मैनुअल होते हैं। मशीन लेते वक्त आपको मशीन की कीमतों का ध्यान रखना होगा। आपको यह देखना होगा कि यह मशीन सबसे सस्ता कहां पर मिल रहा है। कुछ मशीन ऐसे होंगे जो आपको ऑनलाइन सस्ते मिलेंगे तो कुछ मशीन ऐसे होंगे जो आपको ऑफलाइन सस्ते मिलेंगे। इसलिए सभी मशीनों को सोच समझकर ही खरीदे। आपको कौन-कौन से मशीन लेने हैं या इस बात पर भी निर्भर करता है कि आप कितने बड़े लेवल पर जींस के प्रोडक्शन को करने जा रहे हो। 

यहां हमने सभी मशीन के नाम दिए है: –

  • सिलाई मशीन
  • चेन सिलाई मशीन
  • कागज को मोड़ने वाली मशीन
  • दाग हटाने की मशीन
  • वॉशिंग मशीन
  • काटने की मशीन
  • कढाई की मशीन
  • इस्त्री मशीन
  • लैपिंग ट्रॉली छापने की मशीन
  • ओवरलॉक मशीन
  • लोगो बनाने की मशीन

इन मशीनों के अलावा आपको अपना बिजनेस चलाने के लिए कंप्यूटर, प्रिंटर जैसे अन्य उपकरणों की आवश्यकता पड़ सकती है।

जींस पैंट मेकिंग प्रोसेस

कच्चे माल की जांच

अगर आप चाहते हैं कि आपका बिजनेस अच्छे तरीके से चले और कस्टमर आप के बनाए गए जींस को खरीदें तो आपको जींस की क्वालिटी में किसी भी तरह का कंप्रोमाइज नहीं करना होगा।  इससे मार्केट में आपका फ्रेंड कार्ड अपडेशन भी पड़ेगा और लोग दूसरे कंपनी में जींस को छोड़कर आपका ही जींस खरीदेंगे। 

इस बिज़नेस में डेनिम जींस की ज्यादा डिमांड है इसलिए जींस को बनाते समय डिजाइन एवं कलर पर विशेष ध्यान रखें। आप अपने फैक्ट्री में विभिन्न विभिन्न डिजाइन और कलर्स के जींस बना सकते है ताकि जब आपका जींस मार्केट में जाए तो ग्राहकों के पास बहुत सारा ऑप्शन हो। जींस मेकिंग बिजनेस को सफलतापूर्वक चलाने के लिए आपको जींस प्रोडक्शन प्रोसेस को अच्छी तरीके से समझना बहुत जरूरी है।

आप चाहते हैं कि आपके जींस के क्वालिटी में कोई कंप्रोमाइज ना हो तो जैसे ही सप्लायर के पास से कच्चा माल आए तो उसे मशीन के द्वारा चेक करने के बाद ही जींस बनाने के लिए भेजें।

मैकेनिकल प्रोसेस के द्वारा कपड़ो की कटाई

एक बार जब डेनिम के कच्चे माल का जांच कर लिए जाता है तो फिर उसे क्लॉथ कटिंग मशीन में ले जाया जाता है। क्लॉथ कटिंग प्रोसेस में सबसे पहले तो कपड़े को मार्कर से मार्क किया जाता है कि उसे कहां कहां से काटना हैं। कपड़े पर मार्क कर लेने के बाद उसे मशीन की मदद से ठीक उसी तरह काटा जाता है। कपड़ों की कटाई होने के बाद उसे सिलाई के लिए भेजा जाता है।

जींस की सिलाई

इस प्रोसेस में जींस को बिजली वाले सिलाई मशीन से सिला जाता है। जैसा कि आप सभी जानते हैं कि जींस हर साइज में उपलब्ध होता है तो आपका यह जानना जरूरी है कि हर साइज के जींस को इन्हीं मशीनों के द्वारा सिला जाता हैं। जींस को 2 तरीकों से सिला जाता है। एक होता है फ्यूजिंग और एक होता है सीमेंटिंग। इसके बारे में आप तभी जानेंगे जब आप फैक्ट्री सेटअप करेंगे।

कढ़ाई का काम

जींस को बढ़िया लुक देने के लिए उस पर कढ़ाई भी किया जाता है। अपने ध्यान दिया होगा कि जींस के पॉकेट पर धागों से हल्की कढ़ाई की हुई होती है। लड़कियों के लिए जींस में कढ़ाई सबसे ज्यादा देखने को मिलती है। यह कढ़ाई का काम कपड़ों के ऊपर गर्मी और दबाव देकर किया जाता है।

ट्रिमिंग

एक बार जो जींस सिल लिए जाते हैं, उन्हें निरीक्षण के लिए अलग करके रख दिया जाता है और फिर सभी जींस का निरीक्षण एक-एक करके चेक किया जाता है। अगर उस वक्त किसी जींस में खराबी पाया जाता है तो उसे साइड हटा दिया जाता है और जो अच्छे जींस होते हैं उन्हें आगे दूसरे प्रोसेस में भेजा जाता है।

वाशिंग एंड आयरन

अच्छे जींस को फिर धुलाई के लिए भेजा जाता है। यहां पर धुलाई के लिए भी अलग बड़ी-बड़ी मशीनें होती है। जब जींस की धुलाई पूरी हो जाती है तो फिर उसे आयरन करने के लिए भेजा जाता है। यह आयरन नॉर्मल आयरन होता है। जो आयरन घर हम लोग उपयोग करते हैं, उसी आयरन का उपयोग यहां भी होता है।।

पैकेजिंग

धुलाई और आयरन हो जाने के बाद अब बारी आती है जींस के पैकिंग की। जींस को अच्छे से ट्रांसपेरेंट पॉलीथिन बैग्स में पैक कर दिया जाता है ताकि कस्टमर जब दुकान पर जींस देखने जाए तो बिना जींस को खोले ही जींस का कलर और डिजाइन देख सके।

जींस मेकिंग बिजनेस के लिए कितना निवेश करना होगा?

अगर आप भारत में छोटा सा जींस मेकिंग बिजनेस शुरू करना चाहते हैं तो आपको 5 लाख से 10 लाख रुपए के बीच में खर्च करना होगा। सबसे पहले आपको फैक्ट्री के लिए एक जमीन रेंट पर लेनी होगी जिसका रेंट आप को प्रतिमाह ₹50,000 भरना होगा। फैक्ट्री में मशीन, कच्चा माल और मजदूरों की सैलरी मिलाकर आपको शुरुआत में 7 से 8 लाख रुपए तो खर्च आ ही जाएंगे। उसके बाद कुछ लाइसेंस और रजिस्ट्रेशन ऐसे होते हैं जो कि आसानी से नहीं मिलते। इनके लिए थोड़ा पापड़ बेलना पड़ता हैं तो अगर आप वहां पर भी थोड़े पैसे दे देते हैं तो आपका काम आसानी से हो जाएगा। कुल मिलाकर अगर आप अपना बजट 10 लाख रुपए का रखते हैं तो यह बिजनेस बिना किसी परेशानी के शुरू किया जा सकता है।

अपने जींस को कैसे बेचे?

आप अपने जींस को मार्केट में दुकानदारों के पास बेच सकते है। अगर आपको ई-कॉमर्स की जानकारी है तो आप अपने जींस के ब्रांड का वेबसाइट बनाकर भी अपने जींस को बेच सकते है। पहले से ही पॉपुलर ई-कॉमर्स वेबसाइट जैसे कि अमेजॉन और फ्लिपकार्ट से भी जुड़ कर आप अपने जींस को बेच कर अच्छे पैसे कमा सकते है। अगर आप चाहते हैं कि ऑनलाइन वेबसाइट्स पर आपकी जींस ज्यादा से ज्यादा बिके तो उसे कम से कम प्राइस पर लिस्ट करें।

जींस मेकिंग बिजनेस से कितना कमाया जा सकता है?

महीने के प्रॉफिट की बात करें तो आप इस बिजनेस से लाखों रुपए आसानी से कमा सकते हैं। जैसे कि अगर किसी जींस को बनाने में आपको 200 का खर्च आता है तो आप उस जींस को ₹500 में बेचकर ₹300 का मुनाफा आराम से कमा सकते हैं। शुरुआत में आपको थोड़ा कम प्रॉफिट देखने को जरूर मिलेगा मगर जैसे-जैसे आप का जींस मार्केट में अपनी पकड़ और पहचान बना लेगा उसी तरह से आप अपने जींस का दाम भी बढ़ा सकते हैं क्योंकि अगर आपका जींस कस्टमर्स को ज्यादा पसंद आता है तो दुकानदार को आपका जींस किसी भी कीमत पर चाहिए होगा।

निष्कर्ष:- उम्मीद करते हैं कि आपको यह समझ में आ गया होगा कि जींस मेकिंग बिजनेस को कैसे शुरू किया जा सकता है। अगर होशियारी से और अच्छे से रिसर्च करके इस बिजनेस को चलाया जाए तो यह आपको लम्बे समय के लिए बहुत ज्यादा मुनाफा दे सकता है। सर आपको इस बिजनेस से रिलेटेड कोई और सवाल पूछना है तो आप हमें कमेंट सेक्शन में पूछ सकते हैं।

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