एल्युमीनियम के बर्तन बनाने का बिज़नेस | Aluminium utensils making business Hindi

आज के समय में एल्युमीनियम बर्तन का उपयोग हमारे दैनिक जीवन में बहुतायत रूप से होता है, वैसे तो बाजार में विभिन्न प्रकार के material से बने बर्तन मौजूद है, परन्तु आज भी एल्युमीनियम के बर्तन का उपयोग अन्य प्रकार के सामाग्री से कहीं ज्यादा किया जाता है, क्योंकि यह बाजार में बहुत ही कम दाम, किफायती और लम्बे समय तक उपयोग किया जाता है |

अपने भौतिक गुणों और टिकाऊ होने के कारण एल्युमीनियम के बर्तनों का बाजार में अच्छी मांग रहती है, इस प्रकार के बने बर्तनों का उपयोग न केवल गाँव तक सिमित है अपितु इसका उपयोग शहरों कि तरफ भी प्रचलन तेजी से बढ़ रहा है, इसीलिए आज हम आपको एल्युमीनियम से बने बर्तनों के बिज़नेस के बारे में पूरी जानकारी देंगे |

एल्युमीनियम के बर्तन बनाने का बिज़नेस क्या है

बर्तन जिसे हम दैनिक दिनचर्या में बहुतायत उपयोग करते है, फिर चाहे हो खाना पकाने में, कुछ सामान रखने में, जल को एकत्र करके रखने में, पानी को गर्म करने में या फिर किसी भी प्रकार के घरेलू उपयोग के लिए किया जाता है, वैसे देखा जाये तो अभी अधिकांश परिवारों में दो प्रकार के बर्तन का उपयोग किया जाता है, पहला staneless steal के बर्तन और दूसरा एल्युमीनियम के बर्तन का, लेकिन इसमें भी समस्या ये है कि staneless steal के बने बर्तनों के दाम बहुत अधिक होते है जिसके वजह से इन्हें सभी वर्ग के लोग उपयोग नहीं कर सकते है, यहीं कारण है कि एल्युमीनियम से बने बर्तनों कि मांग बाजार में बढ़ते ही जा रही है और अगर आप एक नया बिज़नेस शुरू करना चाहते है तो यह बिज़नेस आपके लिए बहुत ही ज्यादा उपयोगी और फायदेमंद साबित होगा |

निवेश / Investment

किसी भी बिज़नेस का आधार investment अर्थात निवेश होता है, परन्तु यह निवेश आपके उपर निर्भर करता है यदि आप यह बिज़नेस बड़े पैमाने में करना चाहते है तो आपको इस बिज़नेस में अधिक लागत लगेगी तो वही अगर आप यह बिज़नेस छोटे पैमाने में करना चाहते है तो आप कम लागत में भी यह व्यापार शुरू कर सकते है | इस बिज़नेस के लिए शुरूआती लागत जमीन कि होगी यानी कि आपको इस बिज़नेस के लिए एक अच्छा सा जमीन खरदीना होगा अगर आपके पास यह जमीन पहले से उपलब्ध है, तो आपके निवेश कि प्रायिकता थोड़ी कम हो जाएगी |

तो वही अगर बात करें इस बिज़नेस में दुसरे सबसे बड़े निवेश कि तो वह है मशीन, इस बिज़नेस में मशीनों का सबसे महत्वपूर्ण स्थान है क्योंकि इसके बिना आप एल्युमीनियम के बर्तनों का उत्पादन नहीं कर सकते है, यह मशीन आपको अपने फैक्ट्री में लगवाना होगा, और इसके साथ ही इस मशीन कि लागत भी थोड़ी बहुत कम या ज्यादा हो सकती है |

इसके बाद बात आती है अगले investment कि तो इसमें आपको बिजली, पानी और बिल्डिंग पर भी पैसे खर्च होंगे,  जिसमे आप बिल्डिंग किराये पर भी ले सकते है |

  • जमीन = 1500 से 2000 वर्ग फीट (जमीन पर लागत कई सारे कारकों में निर्भर करता है)
  • फैक्ट्री बनाने में लागत = 50,000 से 70,000
  • मशीन = 2 लाख 4 लाख तक
  • अन्य लागत = 1 लाख से 2 लाख

कुल लागत = 10 लाख से 15 लाख |

एल्युमीनियम के बर्तन के लिए लोकेशन:

एल्युमीनियम के बर्तन बनाने के लिए लोकेशन एक महत्वपूर्ण कारक हो सकता है, क्योंकि अगर आप यह बिज़नेस छोटे पैमाने में करना चाहते है तो आप यह बिज़नेस अपने घर से भी शुरू कर सकते है, तो वही अगर आप यह बिज़नेस एक बड़े पैमाने ने करना चाहते है तो आपको एक अच्छे स्थान से यह बिज़नेस शुरू कर सकते है |

एल्युमीनियम के बर्तन के लिए आपको ऐसे स्थान का चयन करना चाहिए जहाँ आपको बिजली और पानी कि पर्याप्त मात्रा मिल सकें इसके साथ ही आपको यह देखना जरूरी होगा वहाँ आसपास के स्थानों के जरिये आपको कर्मचारी भी मिल जाये इसके साथ ही अगर आपकी फैक्ट्री और जहाँ से कच्चे माल कि आपूर्ति होगी वहाँ से दुरी कम होगी तो आपको इस व्यापार में कम लागत लगेगी और अधिक मुनाफा होने कि सम्भावना बढ़ जाएगी |

लाइसेंस:

अन्य बिज़नेस कि तरह इस बिज़नेस में भी आपको सरकार से रजिस्ट्रेशन और अन्य प्रकार के लाइसेंस लेने कि जरूरत होगी, जैसे कि:

  • कंपनी के नाम से सरकार के पास रजिस्ट्रेशन
  • GST रजिस्ट्रेशन, Bank खाता
  • फायर और पोल्यूशन डिपार्टमेंट के जरिये NOC
  • ट्रेड और फैक्ट्री लाइसेंस
  • उद्यमी पोर्टल से रजिस्ट्रेशन

मशीन और कच्चा माल (Machine and Raw Material):

मशीन:

  • इस व्यवसाय में विभिन्न प्रकार के मशीनों का उपयोग किया जाता है, जैसे कि:
  • तेल स्वचलित भट्टी बर्नर तेल टैंक
  • पाइप फिटिंग
  • एनीलिंग भट्टी
  • मोटर सर्किल कटाई मशीन
  • बेंच ग्राइंडर
  • एल्युमीनियम हॉट रोलिंग मिल
  • एल्युमीनियम कोल्ड रोलिंग मिल
  • पिलर ड्रिलिंग मशीन
  • प्री हीटर
  • Sheering Machine
  • ब्लोअर
  • लाइट पंचिंग हैण्ड फ्लाई प्रेस
  • कास्ट आयरन मोल्ड
  • टेस्टिंग उपकरण
  • मोटर और स्टार्टर के साथ डबल एक्शन डीप ड्राइंग पॉवर प्रेस |
  • स्पिन्निंग लेथ मशीन
  • इलेक्ट्रॉनिक मापक यंत्र
  • आर्क वेल्डिंग ट्रांसफार्मर
  • एसिड टैंक

कच्चा माल:

एल्युमीनियम के बिज़नेस में कच्चा माल एल्युमीनियम ही है, जिसमे विभिन्न प्रकार से व्यवसायिक रूप से उपयोग होने वाली एल्युमीनियम की सिल्लियाँ और एल्यूमिनियम स्क्रैप शामिल है |

एल्युमीनियम के बर्तन बनाने कि प्रक्रिया:

एल्युमीनियम के जरिये बर्तन बनाने के लिए सबसे पहले आपको कच्चा माल (Raw Material)  यानी कि एल्युमीनियम की सिल्लियाँ और एल्यूमिनियम स्क्रैप कि जरूरत होगी, और इन सभी एल्युमीनियम स्क्रैप कि quality के अनुसार shorting करनी होगी, फिर इसके बाद इन सभी एल्युमीनियम स्क्रैप कि सभी प्रकार कि अशुद्धियों को दूर किया जायेगा, जिसके बाद इस कच्चे पदार्थ को मेल्टिंग और चार्जिंग प्रक्रिया के लिए तैयार हो जाते है |

इन सभी कच्चे पदार्थ को मेल्टिंग फर्नेस कि मदद से गलाया जायेगा और मेल्टिंग कि प्रकिया पूरा होने के बाद ये सभी पदार्थ तरल रूप में परिवर्तित हो जायेंगे, तो उसके बाद इन सभी पदार्थों कि quality चेकिंग कि प्रक्रिया के लिए पुनः भेजा जायेगा, जहाँ अगर सभी चीजे सही रहती है, तो इन पदार्थो को आगे कि प्रक्रिया यानी कास्टिंग के लिए भेज दिया जायेगा, जहाँ आवश्यकतानुसार इन पदार्थो आकार दिया जायेगा, एक बार आकार देने के बाद इन सभी पदार्थो को ठंडा होने के लिए कुलिंग system में भेज दिया जायेगा, और अब cooling प्रक्रिया के बाद ये सभी product तैयार हो चुके है, जिसे अब कुछ पैकेजिंग के जरिये market में बेचा जायेगा |

तो इन सभी प्रक्रिया के जरिये उत्पाद के रूप में एल्युमीनियम के बर्तन प्राप्त होते है |

बिज़नेस प्लान:

इस बिज़नेस के लिए एक विस्तृत परियोजना रिपोर्ट में व्यापार के सभी पहलुओं को शामिल किया जाना चाहिए है, बाजार का विश्लेषण करने से, विभिन्न आवश्यकताओं जैसे कि संयंत्र और मशीनरी, कच्चे माल की उपलब्धता की पुष्टि करने के लिए वित्तीय आवश्यकताओं इत्यादि तथ्यों कि विस्तृत जानकारी होनी चाहिए। रिपोर्ट के दायरे में बाजार की क्षमता का आकलन, निवेश निर्णय लेने, कॉर्पोरेट विविधीकरण योजना आदि शामिल हैं। विस्तृत विनिर्माण तकनीकों को तैयार करके और कच्चे माल की लागत का अनुमान लगाकर वित्तीय पहलुओं का पूर्वानुमान लगाकर, नकदी प्रवाह विवरण तैयार करके बैलेंस शीट आदि को पेश किया जा सकता है।

भारत और दुनिया भर में कई इंजीनियर, परियोजना सलाहकार और औद्योगिक परामर्श फर्म अपनी परियोजना रिपोर्ट का उपयोग अपने विश्लेषण करने में एक इनपुट के रूप में करते हैं।

कर्मचारी कि नियुक्ति:

वैसे तो इस बिज़नेस का मुख्य कार्य मशीनों के द्वारा किया जायेगा परन्तु इन सभी मशीनों को ऑपरेट करने और कुछ अन्य प्रकार के कार्य के लिए कर्मचारी कि जरूरत होगी, अगर आप इस व्यवसाय को बड़े पैमाने में करते है तो आपको 16 से 18 कर्मचारियों कि जरूरत होगी तो वही अगर आप इसे छोटे पैमाने में भी करते है तो आपको इसके लिए 12 से 15 कर्मचारियों कि जरूरत होगी | 

मार्केट:

भारत में एल्युमीनियम उद्योग भारतीय अर्थव्यवस्था में अग्रणी उद्योगों में से एक है। भारत का एल्युमीनियम उद्योग तेजी से विकसित हो रहा है और इसकी प्रौद्योगिकियों में प्रगति तेजी से विकास को बढ़ावा दे रही है। एल्युमीनियम के बर्तनों का बाजार ज्यादातर आबादी में वृद्धि पर निर्भर करेगा। जैसे-जैसे देश में जनसंख्या लगातार बढ़ रही है, इस वस्तु का बाजार भी बढ़ेगा। भारत लगभग 2.7 मिलियन टन की एल्यूमीनियम उत्पादन क्षमता के साथ दुनिया का पांचवां सबसे बड़ा एल्यूमीनियम उत्पादक है, जो दुनिया में कुल एल्यूमीनियम उत्पादन का लगभग 5%  है।

भारत 3 अरब टन के बॉक्साइट भंडार के साथ ब्यूक्साइट का एक बड़ा भंडार भी है। भारतीय घरेलू खुदरा बाजार में हाउस-वेयर 25% की वार्षिक वृद्धि के साथ एक बढ़ती हुई श्रेणी है। भविष्य के रुझान उत्पादों और खुदरा प्रारूपों के आसपास केंद्रित रहने की संभावना है। एल्युमीनियम अन्य धातुओं की तुलना में तुलनात्मक रूप से अधिक सस्ता, हल्का और टिकाऊ होता है। भारत में प्रति व्यक्ति आय की कम खपत को देखते हुए एल्युमीनियम की मांग 6% से 7% प्रति वर्ष बढ़ने का अनुमान है।

फायदा और बिकने कि सम्भावना:

एल्यूमीनियम के बर्तन लंबे समय तक चलने वाले होते हैं; कम रखरखाव लागत की आवश्यकता होती है, ये हल्के होते हैं और इसलिए अटूट, किफायती और दिखने में आकर्षक होते हैं। एल्यूमीनियम के बर्तन की खाना पकाने की सीमा उनकी उच्च तापीय चालकता के कारण ईंधन की बचत होती है। एल्युमीनियम के बर्तनों में खाना पकाने या खाने से किसी भी प्रकार का कोई हानि नहीं होती है।

ये सभी अतिरिक्त गुण विकासशील देशों के गरीब और मध्यम वर्ग के परिवार के लिए एल्यूमीनियम के बर्तन को अत्यधिक स्वीकार्य बनाते हैं। भारत के साथ साथ इस बिज़नेस का market पुरे विश्व में काफी अच्छा है, कई विकासशील या विकसित देशों में इस तरह के उत्पाद के लिए एक बड़ी निर्यात क्षमता है।

चूंकि स्वदेशी स्रोतों से एल्युमीनियम का उत्पादन औद्योगिक आवश्यकताओं को पूरा करने के लिए पर्याप्त है। इस प्रकार एल्युमीनियम से संबंधित उद्योगों में निर्यात की अच्छी संभावनाएं हैं। चूंकि एल्युमीनियम के बर्तनों की मांग अच्छी है, इसलिए नए उद्यमियों के लिए इस क्षेत्र में उद्यम करने की व्यापक गुंजाइश है।

आज आपने इस आर्टिकल के जरिये समझा कि एल्युमीनियम का बिज़नेस क्या है, इस बिज़नेस कि शुरुआत कैसे कि जाये, इसके साथ ही हमने प्रकार के सभी तथ्यों के बारे में समझा उम्मीद करते है कि यह आपके लाभदायक और उपयोगी साबित हुआ होगा |

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